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कवायद : कर्जमाफी को लेकर सरकार आई हरकत में, बैंकों से मांगी जा रही किसानों की श्रेणीवार रिपोर्ट


प्रदेश में नई सरकार के शपथ लेते ही सबकी नजरें कर्जमाफी की घोषणा पर टिक गई है। मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में कर्जमाफी के बाद यह तय है कि प्रदेश में भी कर्जमाफी की घोषणा कभी भी हो सकती है। जिले के लाखों किसानों को कर्जमाफी का इंतजार है। ऐसे में देखना ये है कि जिले में संपूर्ण कर्ज माफी होती है या फिर अल्पकालीन। वैसे अन्य राज्यों की तर्ज पर प्रदेश में भी अल्पकालीन ऋण माफ होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। अल्पकालीन ऋण योजना के दायरे में जिले के एक लाख से अधिक किसान आते हैं। वहीं किसान नेताओं का कहना है कि पहले संपूर्ण कर्ज माफी की बातें की जा रही थी लेकिन अब शर्तें लगाई जा रही हैं। 

लीड बैंक से मिली जानकारी के अनुसार जिले में सभी तरह के कर्ज की बात करें तो 2 लाख 70 हजार 371 किसानों ने केसीसी पर 65 सौ करोड़ से अधिक का कर्ज ले रखा है। जिले के 31 बैंकों से किसानों ने केसीसी पर लोन उठा रखा है। जबकि 1 लाख से अधिक किसानों ने केंद्रीय सहकारी बैंक से कर्ज ले रखा है। यह लोन 380.21 करोड़ है। यदि एमपी की तर्ज पर 2 लाख रुपए तक के कर्ज माफी की घोषणा हुई तो जिले के लाखों किसान इस दायरे में आएंगे। 
जिले के बैंकों से जुटा रहे श्रेणीवार लोन की जानकारी 
कर्ज माफी की घोषणा के बाद अब राज्यस्तर से जिले के बैंकों से कर्ज की जानकारी जुटाई जा रही है वह भी श्रेणीवार। ऐसे में हनुमानगढ़ केंद्रीय सरकारी बैंक सहित विभिन्न तरह के बैंक इसकी जानकारी भेज रहे हैं। यह जानकारी पिछले चार दिन से जुटाई जा रही है वहीं राज्य में मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद भी अब नए सिरे से जानकारी जुटाई जा रही है। 
31 बैंकों से किसानों ने ले रखा है ऋ ण, इनमें 1 लाख जीकेएसबी के ऋ णी 
कयास...जिन्होंने फसलों के लिए लिया ऋण ही माफ होगा, डेयरी, गोदाम के नहीं 
1. 2 लाख से ऊपर का लोन माफ होने की शर्त लागू होने पर इससे ऊपर का लोन किसान को खुद ही चुकाना होगा। इसके अलावा सरकारी या सहकारी लोन ही माफ होगा, दूसरा नहीं। 
2. सिर्फ फसली ऋण यानी अल्पकालीन ऋण वालों को ही फायदा होगा। यानी फसल बुवाई को लेकर लिया गया लोन ही माफ होगा, दूसरा नहीं। जैसे जिले में किसानों ने डेयरी फॉर्म, मछली उत्पादन, कृषि उपकरण, गोदाम आदि के लिए भी ऋण ले रखा है तो उन्हें फायदा नहीं होगा। 
3. कर्जमाफी से डिफॉल्टर किसानों को फायदा होगा। क्योंकि जो ईमानदार है वह तो लोन की किश्तें चुका रहे हैं लेकिन जो समय पर लोन नहीं भर पा रहे थे उन्हें डिफाल्टर घोषित किया हुआ है। उन्हें लाभ होगा। 

अल्पकालीन ऋ ण 
पहला 
अल्पकालीन ऋण किसान को फसल बुआई के लिए दिया जाता है। सहकारी बैंक फसली ऋण छह माह के लिए देता है। यह कर्ज ब्याज मुक्त होता है। सहकारी बैंक को सात प्रतिशत ब्याज का पुनर्भरण सरकार करती है। इसमें से तीन प्रतिशत केंद्र और चार प्रतिशत राज्य सरकार वहन करती है। यह बिना किसी जमीन रहन के दिया जाता है। 
दूसरा 
जमीन रहन रख कर ऋण दिया जाता है। केसीसी बनाई जाती है। यह एक साल के लिए दिया जाता है। 

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