कृषि विभाग की सलाह- सिंचाई के 5 दिन बाद भी फसलों पर यूरिया का छिड़काव तो नहीं होगा विपरीत प्रभाव
एक ओर जहां जिले में फसलों के लिए यूरिया को लेकर जबरदस्त माहौल बना हुआ है वहीं कृषि विभाग का कहना है कि सिंचाई के पांच दिन बाद भी फसलों पर यूरिया का छिड़काव किया जा सकता है। इससे जहां यूरिया की खपत कम होगी वहीं फसलों को जितनी यूरिया की मात्रा की आवश्यकता है वह पूरी हो जाएगी। कृषि उपनिदेशक जयनारायण बेनीवाल ने कहा कि यूरिया की जो मात्रा सिंचाई के समय दी जाती है यदि वही मात्रा सिंचाई करने के पांच दिन बाद भी दी जाए तो उपज पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है। उन्होंने बताया कि जिन किसानों को सिंचाई के समय यूरिया उपलब्ध नहीं होता है तो वे सिंचाई के पांच दिन बाद भी यूरिया का उपयोग गेहूं की फसल में कर सकते हैं।
गेहूं की फसल के लिए एक बीघा में 60 किलो यूरिया की जरूरत
कृषि विभाग के मुताबिक गेहूं की फसल में प्रति एक बीघा में 60 किलो यूरिया की जरूरत होती है। किसानों को चाहिए की वे भारी और मध्यम मिट्टी के खेतों में यूरिया की आधी मात्रा बुवाई से पहले और आधी मात्रा पहली सिंचाई के समय दें। वहीं हल्की मिट्टी के खेतों में यूरिया की आधी मात्रा बुवाई से पहले और एक चौथाई मात्रा प्रथम सिंचाई व एक चौथाई की मात्रा दूसरी सिंचाई के समय देनी चाहिए। इससे फसल की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
जिले में नहीं है यूरिया की कमी, निर्देश-वितरण से पहले पेश करे सप्लाई प्लान : कृषि विभाग के उपनिदेशक जय नारायण बेनीवाल ने कहा कि जिले में यूरिया की कमी नहीं है। इसको लेकर विभाग गंभीर है और किसानों को जरूरत के मुताबिक यूरिया उपलब्ध करवाने की कोशिश चल रही है। उन्होंने बताया कि सभी उर्वरक निर्माता कंपनियों को निर्देशित किया गया है की उनके द्वारा यूरिया की सप्लाई करने से एक दिन पहले सप्लाई प्लान प्रस्तुत करें और कृषि विभाग से चर्चा करने के बाद ही विभिन्न थोक विक्रेताओं को सप्लाई करें ताकि जिले में सामान रूप से यूरिया का वितरण हो सके। बेनीवाल ने बताया कि इसी तरह सब-डीलर को भी सप्लाई प्लान के हिसाब से यूरिया वितरित करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही यह भी कहा की यूरिया का वितरण विभाग के अधिकारियों की देख रेख में ही होगा।
आज और कल आएंगे जिले के लिए यूरिया के रैक
जिले में यूरिया के दो रैक 28 और 29 दिसंबर को आएंगे। इसमें कृभको का एक रैक 2643 मैट्रिक टन और चंबल फर्टीलाइजर एंड केमिकल लिमिटेड (उत्तम यूरिया) का एक रैक 2600 मैट्रिक टन का पहुंचेगा। विदित रहे कि जिले में रबी के सीजन में यूरिया की खपत 90 हजार एमटी है। कृषि विभाग इन रैकों को अधिकारियों की देखरेख में ग्राम सेवा सहकारी समितियों को भिजवाएगी। इसके बाद किसानों को इसकी आपूर्ति की जाएगी।
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