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सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान करने पर अब हेड कांस्टेबल भी कर सकेंगे चालान


धूम्रपान पर नकेल कसने को स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को पत्र लिखकर जारी की एडवाइजरी 
सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद का सार्वजनिक तौर पर इस्तेमाल करने वालों का चालान अब हेड कांस्टेबल भी कर सकेंगे। तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा 2003) के तहत जुर्माना वसूल करने और इस अधिनियम को लागू करने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी राज्यों के स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है। इस पत्र में हेड कांस्टेबल, नगरपालिका अथवा नगर निगम अधिकारी को अतिरिक्त प्रवर्तन अधिकारियों के रूप में अधिसूचित करने के लिए कहा गया है। गौरतलब है कि हिमाचल सरकार ने अधिकारियों के अलावा कोटपा की धारा 4 और 6 के तहत अपराध के मामले में कोटपा को लागू कराने और जुर्माना लगाने के लिए हेड कांस्टेबल को अधिकृत किया हुआ है। कोटपा की धारा 25 के अनुसार केंद्र व राज्य सरकारें प्रवर्तन अधिकारियों को अधिकृत कर सकती हैं। कोटपा 2003 की धारा 4 और धारा 6 के उल्लंघन में कार्रवाई करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा पुलिस उपनिरीक्षकों को अधिकृत किया गया। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव विकास शील ने 25 अक्टूबर को पत्र जारी कर कहा कि देश में कोटपा प्रवर्तन अभियान को मजबूत करने के लिए, राज्य सरकारों के लिए यह उचित होगा कि वे अतिरिक्त प्रवर्तन अधिकारियों जैसे हेड कांस्टेबल, नगरपालिका अधिकारी इत्यादि को अधिसूचित करने और धारा 4 और 6 के उल्लंघन के खिलाफ जुर्माना वसूल करने पर विचार कर सकते हैं। 
भारत विश्व का दूसरा सर्वाधिक तंबाकू उपभोग करने वाला देश, सबसे अधिक मुंह के कैंसर के रोगी भी 
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव विकास शील ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तंबाकू उत्पादक देश है। दुनियाभर में तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता भी। भारत में तंबाकू से होने वाली बीमारियों के कारण प्रतिवर्ष 13.5 लाख से अधिक लोगों की मौत होती है। देशभर में तंबाकू से सर्वाधिक मुंह के कैंसर की की बीमारी होती है। यह फेफड़ों के कैंसर से भी अधिक है। हालात यह हैं कि दुनिया में सभी मुंह कैंसर के लगभग आधे मरीज भारत में हैं। 
200 रु. जुर्माना या कारावास: सार्वजनिक स्थान पर सिगरेट या तंबाकू उत्पाद का इस्तेमाल करने पर मौके पर ही चालान काटकर 200 रु. जुर्माने का प्रावधान है। अगर जुर्माना राशि का भुगतान नहीं किया जाता है तो कानून के तहत कारावास का प्रावधान है।

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