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लोगों ने वकील को बंधक बनाकर पीटा


पीलीबंगा : वार्ड नम्बर पांच में शनिवार रात्रि एक वकील को महिला के साथ देखकर लोग भड़क गए और उन्होंने कथित रूप से वकील को बंधक बना कर पीटा। वकील ने रविवार शाम को बंधक बनाकर पीटने, कपड़े फाड़ने, अनुचित तरीके से वीडियो वायरल करने व रुपयों की मांग करने को लेकर कई जनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया। 

    उधर, बारसंघ ने बुधवार तक न्यायालय की कार्रवाई में भाग नहीं लेने व कार्य स्थगित रखने की घोषणा की। बार संघ के आह्वान पर हनुमानगढ़ के अधिवक्ताओं ने भी मारपीट का शिकार हुए वकील के समर्थन में कार्य बहिष्कार किया। यह है प्रकरण अधिवक्ता मनोज शर्मा पुत्र आसकरण शर्मा ने रिपोर्ट दी कि वह वार्ड नम्बर पांच निवासी एक महिला के दहेज प्रकरण की पैरवी कर रहा है।4 अगस्त की रात्रि पीड़िता की मां उसके पास आई और कहा कि उसकी पुत्री के दहेज प्रकरण को लेकर ससुराल पक्ष वालों के साथ राजीनामे को लेकर घर पर बातचीत होगी। आप भी आ जाना, इस पर वह रात को अपने दोस्त अजय छिम्मा के साथ उनके घर गया। कुछ देर बाद छिम्मा वहां से चला गया तथा वह दहेज प्रकरण को लेकर महिला से बातचीत करने लगा। इस बीच, आरोपी महावीर बेलाण, सतू मेघवाल, धर्मपाल रामगढिया, विक्की ओझा, महेश कुमार, लालखां, मन्नुखां और पांच सात जने घर में प्रवेश किया तथा उसे पीटना शुरू कर दिया। उसके कपड़े फाड़ दिए तथा वीडियो बना लिया। । 

       ज्ञातव्य हो कि वार्ड नम्बर पांच में लोगों ने एक मकान में युवक व महिला को साथ देख संदिग्ध हालत की आशंका में पीट डाला था। बाद में पुलिस भी मौके पर पहुंची व युवक से पूछताछ की। वार्डवासियों ने आरोप लगाया था कि युवक ने एक महिला के साथ कमरे में प्रवेश किया। संदिग्ध होने की आशंका में उन्होंने देख लिया। इस बीच, लोगों ने उसके साथ मारपीट की व पुलिस को सूचना दे दी। उधर, बार संघ की एक बैठक बार रूम में सोमवार को श्यामसुंदर मुंढ की अध्यक्षता में हुई जिसमें अधिवक्ता मनोज शर्मा के साथ हुई मारपीट के विरोध में बुधवार तक अदालती कार्रवाई में सक्रिय रूप से भाग नहीं लेने का निर्णय हुआ। अध्यक्ष ने बताया कि बुधवार को बारसंघ की पुनः बैठक होगी। जिसमें आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने पर आगामी रणनीति बनाई जाएगी। इस संबंध में उपखंड अधिकारी रामरख मीणा को सोमवार को बारसंघ ने ज्ञापन भी सौंपा। बैठक में उपाध्यक्ष पुनीत चतुर्वेदी, सचिव शैलेन्द्र बिश्नोई, सह सचिव मारूफखान, कोषाध्यक्ष लोकेश गोयल व पुस्तकालय अध्यक्ष मनीष चतुर्वेदी सहित कई अन्य अधिवक्तागण मौजूद रहे।



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