सप्लाई नहीं अाने से सब्जियों के दाम 25% तक बढ़े,दूध नहीं आने के कारण भटकते रहे लोग
किसान आंदोलन का असर दूसरे दिन ही शहरी क्षेत्र में नजर आने लगा है। शनिवार को गंगमूल डेयरी के 34 साल के इतिहास में शायद ऐसा पहला दिन था, जब दोनों समय एक लीटर दूध भी नहीं पहुंचा। सामान्य: गंगमूल डेयरी में हर रोज 135000 लीटर दूध की आवक होती है। दूध नहीं आने के कारण अधिकांश सरस बूथ पर भी दूध के पैकेट नहीं मिले। शहर की करीब-करीब सभी प्राइवेट डेयरियों पर दूध उपलब्ध नहीं था। इससे लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है। शनिवार को मार्किट में सब्जी तो नजर आई लेकिन किसानों ने शहर में जुलूस निकालकर सब्जी व्यापारियों से आंदोलन में सहयोग की मांग की। ऐसे में माना जा रहा है कि रविवार से सब्जियों की भी किल्लत नजर आने लगेगी। शनिवार को ही सब्जियों के भाव 20-25 प्रतिशत तक बढ़ गए। इसके अलावा फलों की आपूर्ति पहले से ही बंद है। इस सबके बीच प्रशासन लीपापोती में जुटा हुआ है। प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक सरस डेयरी से मिल्क पाउडर उपलब्ध करवाने के लिए कहा गया है ताकि दूध की किल्लत महसूस न हो। हकीकत यह है कि मिल्क पाउडर का इस्तेमाल काफी कम लोग करते हैं। ऐसे हालात में मिल्क पाउडर की उपलब्धता से लोगों की समस्या हल होती नहीं दिख रही है। किसान संगठनों की ओर से भी पहले की घोषणाओं के अनुसार आसपास के गांवों में दूध या सब्जी की स्टॉलें नहीं लगाई हैं। इससे रविवार के बाद लोगों को दूध के साथ-साथ सब्जी की किल्लत का भी सामना करना पड़ सकता है।
ट्रैक्टर रैली लेकर निकले किसानों ने जंक्शन स्थित श्री गोशाला समिति के पदाधिकारियों से भी वार्ता की। गोशाला समिति के अध्यक्ष इंद्र हिसारिया ने किसान आंदोलन के समर्थन में दस जून तक दूध की सप्लाई ना करने का समर्थन पत्र किसान नेताओं को सौंपा।
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