किसानों ने लगाए नाके; शहर में दूध-सब्जी बेचने ला रहे वाहनों को रोका, सड़कों पर फिंकवाया
किसान आंदोलन के दौरान जिले में दूध व सब्जी की किल्लत से निपटने के लिए कलेक्टर दिनेशचंद जैन ने शुक्रवार को संबंधित अधिकारियों की बैठक ली। कलेक्टर ने गंगमूल डेयरी के एमडी को दूध की किल्लत की स्थिति न बनने देने के निर्देश दिए। गंगमूल डेयरी के एमडी ने बताया कि ड्राई मिल्क की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है जो डेयरी बूथ पर हर समय उपलब्ध रहेगा। इसके अलावा सहकारी दुकानों पर ड्राई दूध के पैकेट उपलब्ध करवा दिए जाएंगे। कलेक्टर ने मंडी सचिव और सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार को प्याज और आलू के पर्याप्त स्टॉक की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। आवश्यकता पड़ने पर सहकारी दुकानों पर उचित मूल्य पर प्याज और आलू उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। इसके अलावा कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए एएसपी को पर्याप्त जाप्ता तैनात रखने और एसडीएम को स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए कहा। बैठक में एडीएम प्रकाश चौधरी, एएसपी हरिराम चौधरी, एमडी सीसीबी भूपेंद्र ज्याणी, सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार अमीलाल, डेयरी एमडी पीके गोयल, पीआरओ सुरेश बिश्नोई, नगर परिषद कमिश्नर राजेंद्र स्वामी, मंडी सचिव एमएल खुराना मौजूद थे।
दुग्ध व्यवसाय से जुड़े लोगों न जताई चिंता
दुग्ध व्यवसाय से जुड़े लोगों ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जोकि दूध शहरी क्षेत्र में नहीं आने दे रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोगों ने आरोप लगाया कि कुछ लोग दूध बाजार में नहीं आने दे रहे हैं और मारपीट कर दूध बिखेर रहे हैं। इन लोगों का आरोप था कि ऐसे लोगों में किसानों की बजाय कुछ स्थानीय डेयरी वाले ही शामिल हैं। दुग्ध विक्रेताओं की ओर से ऐसे लोगों पर अंकुश लगाने की मांग की गई ताकि आने वाले दिनों में कोई अप्रिय घटना न घटे।
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