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इंट्रा स्टेट ई-वे बिल 20 से लागू, 50 किमी से अधिक दूरी पर माल ले जाने पर जरूरी


देश में 15 अप्रैल से इंटर स्टेट ई-वे बिल लागू होने के बाद अब राज्य सरकार ने 20 मई से प्रदेश में इंट्रा स्टेट ई-वे बिल लागू करने का निर्णय लिया है। वाणिज्यिक कर विभाग के आयुक्त ने इस संबंध में सभी संयुक्त आयुक्त व उपायुक्तों को निर्देश जारी किए हैं। आदेश पत्र में लिखा है कि कर चोरी रोकने में यह बिल काफी मददगार साबित होगा। 
विभाग का मानना है कि व्यापारी जैसे ही माल परिवहित करने के दौरान कर चोरी करेगा, पकड़ा जाएगा। ऐसे में संबंधित से बड़ा जुर्माना वसूल किया जाएगा। इंट्रा स्टेट ई-वे बिल लागू होने से श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिले के 50 हजार से ज्यादा व्यापारी प्रभावित होंगे। ई-वे बिल काटने के बाद ही माल को प्रदेश के अंदर भेजा जा सकेगा। 50 किलोमीटर से अधिक दूरी के लिए माल ले जाने पर यह बिल लेना जरूरी होगा। अब यह बिल सभी आइटमों पर लागू कर दिया गया है। 
100 किमी प्रतिदिन के अनुसार लगेगा ई-वे बिल : वाणिज्यिक कर विभाग के संयुक्त आयुक्त सीपी मीना ने बताया कि अब प्रदेश में कहीं से भी माल लाने व ले जाने पर ई-वे बिल देना होगा। इसके लिए व्यापारी को ऑनलाइन ई-वे बिल जेनरेट करना जरूरी है। यदि किसी सप्लायर या स्टॉकिस्ट के पास ई-वे बिल नहीं मिला तो उन पर नियमानुसार पेनल्टी भी लगाई जाएगी। 100 किमी प्रतिदिन के हिसाब से ई-वे बिल लगेगा। दिन की गणना 24 घंटे की बजाए जिस दिन बिल बनेगा इस दिन की रात 12 बजे से शुरू होकर अगले दिन रात 12 बजे तक के लिए वैध माना जाएगा। 
ई-वे बिल श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिले के लिए इसलिए भी मायने रखता है कि श्रीगंगानगर के पास पंजाब है। वहीं, हनुमानगढ़ से हरियाणा राज्य की सीमा लगती है। 15 अप्रैल के बाद से ही यहां के व्यापारी इस बिल की अहमियत समझ गए थे। क्योंकि दोनों जिलों की सीमा अन्य राज्य से लगी हुई है। अब इंट्रा स्टेट बिल लागू हुआ है, मंडियों में भी माल भेजने से पूर्व ई-वे बिल कटवाना पड़ेगा। 
श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिले के 50 हजार से ज्यादा व्यापारी प्रभावित होंगे, कर चोरी रोकने में मददगार साबित होगा बिल 
जीएसटी रजिस्टर्ड नहीं है तो ऐसा कर सकते हैं व्यापारी 
जीएसटी में जो व्यापारी रजिस्टर्ड नहीं हैं और वे अपने या किराए के वाहन में माल का परिवहन करते हैं तो वह ट्रांसपोर्टर पोर्टल से ई-वे बिल जेनरेट कर सकेंगे। यदि इन व्यापारियों की ओर से रजिस्टर्ड व्यापारी को माल भेजा जाता है तो माल का परिवहन रजिस्टर्ड माना जाएगा। ई-वे बिल की वैधता दूरी के हिसाब से तय होगी। सौ किमी तक माल परिवहन के लिए एक दिन मिलेगा। इसी तरह हर सौ किमी के लिए एक-एक दिन बढ़ेगा। इसकी समय सीमा बढ़ाने का अधिकार वाणिज्यिक कर कमिश्नर को ही है।

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