आखिर प्रशासन की ये कैसी जिद्द !!
समाज सेवी विक्रम कलेरी ने बताया कि जिला प्रशासन को मालूम ही नहीं है कि शराब की दुकान बंद करवाने की प्रक्रिया क्या है। कई गांवों की ओर से प्रस्ताव दिए गए थे लेकिन अब दो महीने बाद प्रशासन ने इनमें कमियां बताई हैं। इससे लग रहा है कि प्रशासन शराबबंदी के प्रति गंभीर नहीं है। शराब का नशा रूकता है तो मेडिकल नशों पर भी रोक लगेगी। हमारा अभियान लगातार जारी रहेगा और अन्य गांवों के लोगों को भी जोड़ेंगे।
कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि- किशनपुरा दिखनादा में शराब की दुकान बंद करवाने संबंधी मतदान के लिए आबकारी आयुक्त को लिखा है। टाउन के वार्ड 16 से भी प्रस्ताव मिला था लेकिन वहां दुकान नहीं है। कुछ गांवों के प्रस्तावों में कमियां थी। उन्हें इस संबंध में बता दिया गया है।
भारीविरोधके बीच जिले में शराब की दुकानों के आवंटन की लॉटरी सोमवार को जंक्शन स्थित शिव मंदिर मैरिज पैलेस में निकाली गई। एक ओर मैरिज पैलेस के हॉल में शराब दुकान की लॉटरी निकलने से उत्साहित आवेदक मुस्कुरा रहे थे वहीं सड़क की दूसरी तरफ बैठे कई गांवों के लोग दुकानों का विरोध जता रहे थे। हनुमानगढ़ क्षेत्र के गांव किशनपुरा दिखनादा, टाउन में वार्ड 16, संगरिया में संतपुरा, भाखरावाली इंद्रगढ़ और पीलीबंगा क्षेत्र में लखासर क्षेत्र के ग्रामीणों ने शराब की दुकान खोलने के लिए प्रशासन को प्रस्ताव दिए थे। इनमें से कुछ जगहों से लोग लॉटरी का विरोध करने भी पहुंचे लेकिन भारी पुलिस जाप्ते के कारण विरोध जताकर ही वापिस लौटना पड़ा।
अन्य गांवों की ओर से मिले प्रस्तावों में प्रशासन ने कुछ कमियां बताई गई हैं। शराब की दुकानों का विरोध जताने वालों में किशनपुरा दिखनादा सरपंच दलीप गोदारा, विक्रम कलेरी, प्रभुदयाल पचार, हरदयाल वर्मा आदि शामिल थे। इस सारे विरोध के बीच जिे में अंग्रेजी शराब की 27 देशी की 276 दुकानों के लिए आए 6800 आवेदनों को लॉटरी में शामिल किया गया। सबसे अधिक 320 फॉर्म पल्लू 125 फॉर्म बड़बिराना की शराब की दुकान के लिए आए। इसके अलावा हनुमानगढ़ के जाेन नंबर दो 262 जोन नंबर एक पर 122 आवेदन आए।
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