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सात हजार बीएड विद्यार्थियों पर इंटर्नशिप से बाहर होने का खतरा

जयपुर जिले के 100 से अधिक बीएड कॉलेजों की लापरवाही इन कॉलेजों में पढ़ रहे विद्यार्थियों पर भारी पड़ सकती है। इन कॉलेजों ने इंटर्नशिप के लिए अभी तक बीएड विद्यार्थियों की सूची शिक्षा विभाग को नहीं भेजी है। विभाग कॉलेजों से सूची आने का इंतजार कर रहा है ताकि इनको सरकारी स्कूलों में इंटर्नशिप के लिए लगाया जा सके। बार-बार मांगने के बावजूद अभी तक सूची उपलब्ध नहीं कराई जा रही। डीईओ कार्यालय को 30 नवंबर तक सूची नहीं मिली तो इन कॉलेजों के करीब 7 हजार बीएड विद्यार्थियों की इंटर्नशिप खटाई में पड़ सकती है। 
राज्य सरकार ने इस साल पहली बार बीएड विद्यार्थियों को इंटर्नशिप के लिए सरकारी स्कूलों में लगाने की योजना शुरू की है। इसके लिए बीएड कॉलेजों को अपने विद्यार्थियों की सूची शिक्षा संकुल स्थित जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक कार्यालय को भिजवानी है। यहां से बीएड विद्यार्थियों को चार महीने की इंटर्नशिप के लिए सरकारी स्कूल आबंटित की जाती है। डीईओ कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार 150 कॉलेजों के 12 हजार विद्यार्थियों को तो स्कूल आबंटित कर दिया गया है। स्कूल आवंटन का काम चल रहा है, लेकिन अभी भी 100 से अधिक कॉलेज ऐसे हैं जिनकी सूची कार्यालय को प्राप्त नहीं हुई है। इस मामले में कॉलेज संचालक ही लापरवाही बरत रहे हैं। वे सूची उपलब्ध कराने में रूचि नहीं ले रहे। कॉलेज संचालक जल्दी नहीं चेते तो बाद में इनके बीएड विद्यार्थियों को इंटर्नशिप कराने में मुश्किल हो सकती है। इंटर्नशिप के बिना इनको बीएड की डिग्री मिलने में भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक जीवन शंकर शर्मा का कहना है कि बीएड कॉलेज संचालक 30 नवंबर तक सूची उपलब्ध कराए, ताकि बीएड विद्यार्थियों को इंटर्नशिप कराई जा सके। शर्मा ने चेतावनी दी कि यदि सूची जल्दी ही डीईओ कार्यालय को नहीं मिली और इंटर्नशिप नहीं हुई तो विद्यार्थियों को भविष्य में होने वाली परेशानी के लिए शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय जिम्मेदार होंगे। 
कॉलेज संचालकों की लापरवाही के कारण विद्यार्थी परेशान : शर्मा ने बताया कि कॉलेज संचालकों को अपने विद्यार्थियों की सूची भिजवानी है, लेकिन वे विद्यार्थियों को भी डीईओ कार्यालय भिजवा देते हैं। जबकि विद्यार्थियों को कार्यालय आने की जरूरत नहीं है। कॉलेज से सूची प्राप्त होने के बाद विद्यार्थियों को स्कूल आबटन के आदेश कॉलेज संचालक डीईओ कार्यालय आकर ले जाए। फिर वे अपने कॉलेज में विद्यार्थियों को यह आदेश दे दे। लेकिन वे सूची लेने नहीं आते और विद्यार्थियों को भिजवा देते हैं, जो गलत है। इससे विद्यार्थी अनावश्यक रूप से परेशान हो रहे हैं। 

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