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दिनचर्या और टेस्ट सेना जैसा, नतीजा एक ही काॅलेज से 25 छात्र सीआरपीएफ में चुने गए


हनुमानगढ़ का एक कालेज ऐसा भी|जहां माेबाइल पर प्रतिबंध, अनुशासन भी बिल्कुल सेना की तरह काॅलेज में इस तरह का अभ्यास सुबह 5 बजे शुरू होता है, जो शाम तक चलता है।


हनुमागनढ़ : एक ही कॉलेज से सीआरपीएफ में 25 युवाओं का चयन हैरानी का विषय हो सकता है लेकिन हनुमानगढ़ के एसकेडी कॉलेज फॉर हायर एजुकेशन के स्टूडेंट्स ने यह उपलब्धि हासिल की है। इससे पहले भी स्टूडेंट्स का चयन नेवी एयरफोर्स टेक्निकल ग्रेड सेना में हुआ है। 
यह स्थिति तब है जबकि हनुमानगढ़ जिला सैनिक अर्द्धसैनिक बलों में भर्ती के मामले में अन्य जिलों से काफी पीछे माना जाता है और अन्य कॉलेज इस तरह के परिणाम नहीं दे पा रहे हैं। कॉलेज प्रबंधन के मुताबिक ऐसे परिणाम बेहतर प्लानिंग और कठोर मेहनत से संभव हुए हैं। अब स्थिति यह है कि प्रदेश के अन्य जिलों के अलावा हनुमानगढ़ के युवा भी कॉलेज में पढ़कर सैनिक अर्द्धसैनिक बलों में चयनित हो रहे हैं। सीआरपीएफ में चयनित 25 में से भी आधे से अधिक युवा हरियाणा के हैं। 
दो साल में 40 युवाओं का सेनाओं में चयन 
कॉलेज प्रबंधन से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले दो साल में सीआरपीएफ में 25, एयरफाेर्स में पांच (तीन टेक्निकल दो नॉन टेक्निकल), आर्मी जीडी के लिए 4, आर्मी क्लर्क के लिए तीन, राजस्थान पुलिस में दो नेवी (टेक्निकल ग्रेड) में एक स्टूडेंट का चयन हुआ है।
कॉलेज चेयरमैन बाबूलाल जुनेजा ने बताया कि सैनिक अर्द्धसैनिक बलों में अनुशासन का महत्व ही सबसे अधिक है। युवाओं की ऊर्जा को सही दिशा अनुशासन के माध्यम से ही दी जा सकती है। युवाओं को सही दिशा देने के लिए कैरियर गाइडेंस जरूरी है। इससे स्टूडेंट शुरूआत से ही अपना लक्ष्य तय कर लेता है। लिखित परीक्षा काफी लोग क्लियर करते हैं लेकिन मुख्य समस्या फिजिकल टेस्ट इंटरव्यू में आती है। इन दोनों बिंदूओं पर शुरू से ध्यान देते हैं। इसलिए परीक्षा के समय स्टूडेंट्स को फिजिकल टेस्ट के लिए एकाएक अतिरिक्त मेहनत नहीं करनी पड़ती। लगातार अभ्यास से यह बोझ की तरह लगता ही नहीं है। इसी तरह इंटरव्यू की तैयारी भी शुरू से ही करवाई जाती है। क्लेरिकल ग्रेड के लिए टाइपिंग भी नियमित तौर पर सिखाई जाती है। इसलिए स्टूडेंट मेरिट सूची में जगह बना लेते हैं। 

जानिए वो 5 खूबियां, जिनकी बदौलत रक्षा क्षेत्र में जा रहे यहां के छात्र 
  1. भर्ती के इच्छुक स्टूडेंट्स को सभी एंट्रेंस एग्जाम की जानकारी दी जाती है। सभी जगह एप्लाई भी करवाते हैं ताकि एंट्रेंस टेस्ट का अनुभव मिलता रहे और सिलेक्शन के चांस बढ़ें। 
  2. सुबह पांच बजे सभी स्टूडेंट उठकर फिजिकल टेस्ट की तैयारी करते हैं। इसके लिए लंबी दौड़ के अलावा सैनिक अर्द्धसैनिक बलों की तर्ज पर अन्य एक्सरसाइज भी करते हैं। 
  3. बीएसएफ के रिटायर्ड कर्मचारी सैनिक स्कूल की रिटायर्ड फैकल्टी स्टूडेंटस को लिखित परीक्षा, फिजिकल टेस्ट इंटरव्यू के लिए तैयार करती है। 
  4. कॉलेज का समय स्कूल की तरह छह घंटे का है। इसके अलावा हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स को पांच-छह घंटे अतिरिक्त तैयारी करवाई जाती है। 
  5. किसी भी स्टूडेंट के पास मोबाइल मिलने पर जब्त नहीं किया जाता बल्कि तोड़ दिया जाता है। इससे तैयारी से ध्यान डायवर्ट नहीं होता। 


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