छोटे कारोबारियों के पास नहीं जाएगा लेबर इंस्पेक्टर
नए उद्यमियों को प्रोत्साहन के लिए उठाया कदम
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने छोटे कारोबारियों के लिए कारोबार करना और आसान कर दिया है। इसके लिए अहम कदम उठाया गया है। केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि तीन साल तक कोई भी लेबर, ईएसआई या पीएफ इंस्पेक्टर सूक्ष्म, लघु मध्यम दर्जे के उद्योगों (एमएसएमई) के परिसर में निरीक्षण के लिए नहीं जाएगा। इससे पहले स्टार्ट-अप्स के लिए ऐसे निर्देश जारी किए थे। श्रम मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक एमएसएमई को श्रम कानूनों के कई प्रावधानों से छूट देने का निर्णय लिया है। इनमें अनुबंधित श्रमिक कानून, कर्मचारी राज्य बीमा कानून, ट्रेड यूनियन कानून, कर्मचारी भविष्य निधि, औद्योगिक विवाद कानून आदि शामिल है। इसका मकसद नए उद्यमियों को बढ़ावा देना है, ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया मुहिम को आगे बढ़ाया जा सके। श्रम मंत्रालय के मुताबिक जनवरी में स्टार्ट-अप्स के लिए इस तरह के निर्देश जारी किए गए थे। तब से ही यह एमएसएमई संगठन यह मांग कर रहे थे कि इस तरह के कदम छोटे कारोबारियों के लिए भी उठाए जाएं। इस पर विचार-विमर्श के बाद एमएसएमई क्षेत्र को भी छूट देने का निर्णय लिया गया। मंत्रालय ने सभी संबंधित विभागों, जैसे- ईएसआईसी, ईपीएफओ को अपने इस निर्णय से अवगत कराने के लिए सर्कुलर जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि जो कारोबार शुरू हुए अभी तीन साल पूरे नहीं हुए हैं, वहां निरीक्षण किया जाए। लेकिन तीन साल तक एमएसएमई को हर साल सेल्फ सर्टिफिकेट देकर यह बताना होगा कि वे सभी कानूनों का पालन किया जा रहा हैं। सेल्फ सर्टिफिकेशन की व्यवस्था स्टार्ट अप्स के लिए भी की गई है।
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने छोटे कारोबारियों के लिए कारोबार करना और आसान कर दिया है। इसके लिए अहम कदम उठाया गया है। केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि तीन साल तक कोई भी लेबर, ईएसआई या पीएफ इंस्पेक्टर सूक्ष्म, लघु मध्यम दर्जे के उद्योगों (एमएसएमई) के परिसर में निरीक्षण के लिए नहीं जाएगा। इससे पहले स्टार्ट-अप्स के लिए ऐसे निर्देश जारी किए थे। श्रम मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक एमएसएमई को श्रम कानूनों के कई प्रावधानों से छूट देने का निर्णय लिया है। इनमें अनुबंधित श्रमिक कानून, कर्मचारी राज्य बीमा कानून, ट्रेड यूनियन कानून, कर्मचारी भविष्य निधि, औद्योगिक विवाद कानून आदि शामिल है। इसका मकसद नए उद्यमियों को बढ़ावा देना है, ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया मुहिम को आगे बढ़ाया जा सके। श्रम मंत्रालय के मुताबिक जनवरी में स्टार्ट-अप्स के लिए इस तरह के निर्देश जारी किए गए थे। तब से ही यह एमएसएमई संगठन यह मांग कर रहे थे कि इस तरह के कदम छोटे कारोबारियों के लिए भी उठाए जाएं। इस पर विचार-विमर्श के बाद एमएसएमई क्षेत्र को भी छूट देने का निर्णय लिया गया। मंत्रालय ने सभी संबंधित विभागों, जैसे- ईएसआईसी, ईपीएफओ को अपने इस निर्णय से अवगत कराने के लिए सर्कुलर जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि जो कारोबार शुरू हुए अभी तीन साल पूरे नहीं हुए हैं, वहां निरीक्षण किया जाए। लेकिन तीन साल तक एमएसएमई को हर साल सेल्फ सर्टिफिकेट देकर यह बताना होगा कि वे सभी कानूनों का पालन किया जा रहा हैं। सेल्फ सर्टिफिकेशन की व्यवस्था स्टार्ट अप्स के लिए भी की गई है।
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