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बीयर प्लांटों की मांग से जौ में तेजी संभव



उत्पादन केंद्रों पर जौ की आवक इन दिनों काफी घट गई है। निर्यातकों की पूछपरख के साथ-साथ बीयर कारखानों की लिवाली बरकरार है। इसे देखते हुए जौ की कीमतों में और तेजी के आसार बने हुए हैं। राजस्थान की मंडियों में जौ की आवक दो लाख बोरी से घटकर वर्तमान में 35 हजार बोरी दैनिक रह गई है। उत्तर प्रदेश में भी आवक कम हो गई है। वहां पर अधिकांश जौ पशु आहार में जा रहा है।
द्वारकाधीश ट्रेडर्स के रामचरण नाटाणी बताते हैं कि इरान, ईराक, कुवैत एवं सऊदी अरब आदि देशों के लिए 25 लाख बोरी जौ के निर्यात सौदे हो चुके हैं। इस बीच माल्ट कंपनियों में अभी 30 से 40 फीसदी जौ का ही स्टॉक हो पाया है। हालांकि पिछले सप्ताह एनसीडैक्स पर जौ के वायदा भावों में अच्छी गिरावट आई थी, लेकिन हाजिर कारोबार पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। वर्तमान में हरियाणा डिलीवरी जौ 1341 रुपए तथा गंगानगर लाइन में लूज जौ 1125 से 1140 रुपए प्रति क्विंटल पर व्यापार हो रहा है। चौमू मंडी में जौ का व्यापार 1180 से 1240 रुपए प्रति क्विंटल में होने की खबर है।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में जौ की अधिकांश फसल मंडियों में आ चुकी है। बाड़मेर, बीकानेर, जयपुर, पाली एवं हनुमानगढ़ लाइन में आवक काफी कम हो गई है। तिजारा मंडी में जौ 1175 से 1180 रुपए बोलने लगे हैं। उधर उत्तर प्रदेश के गुलावठी, सिकंदराबाद, खुर्जा, वैर, हाथरस एवं बुलंदशहर में जौ की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता काफी कम बैठी है। कानपुर, ऊरई एवं औरईया लाइन में फसल कम बता रहे हैं। इस प्रकार देश में जौ का कुल उत्पादन 25 लाख टन से घटकर 18 लाख टन के करीब रह जाने का अनुमान है। बीयर प्लांट नीचे वाले भाव पर पिछले दस दिनों से खरीद करने में लगे हुए हैं। 15 मई के बाद की शिपमेंट के लिए जामनगर एवं मूंदड़ा पोर्ट पर निर्यात मांग जारी है। पिछले साल राजस्थान में 15 लाख टन जौ की पैदावार हुई थी, जो इस बार 11 लाख टन के करीब होने की संभावना है।
हरियाणा डिलीवरी 1341 रु. तथा गंगानगर लाइन में लूज जौ का 1125 से 1140 रुपए प्रति क्विंटल में हुआ व्यापार

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