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उत्पादन अधिक होने से जीरा न्यूनतम स्तर पर

जयपुर | बुआई अधिक होने से देश में इस साल 65 लाख बोरी जीरा उत्पादन का अनुमान है, जो कि गत वर्ष से करीब 20 फीसदी अधिक है। आमतौर पर देश में प्रति वर्ष 55 लाख बोरी जीरा पैदा होता है। यही वजह है कि इन दिनों जीरे की कीमतों में निरंतर गिरावट का रुख बना हुआ है। एक माह के दौरान जीरा 15 रुपए प्रति किलो सस्ता हो चुका है। 
एनसीडैक्स (कमोडिटी एक्सचेंज) पर वर्तमान में 20 मार्च को जीरा 9820 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुआ, जबकि 20 मार्च 2011 को एनसीडैक्स पर जीरा 16,100 रुपए प्रति क्विंटल बिक चुका है। कारोबारी पवन पापड़ीवाल बताते हैं कि बीते तीन-चार सालों में डीजल, पेट्रोल एवं अन्य कृषि लागत में भारी बढ़ोतरी हुई है। ऐसी स्थिति में जीरे के वर्तमान भाव न्यूनतम स्तर पर आ गए हैं। जानकारों का कहना है कि कृषि लागत बढऩे से किसान वर्तमान भावों पर मंडियों में जीरा नहीं लाएगा। इसे देखते हुए जीरे में लंबी मंदी के आसार समाप्त हो गए हैं। वर्तमान में मशीनकट जीरा घटकर 110 से 120 रुपए, जबकि उत्पादक मंडियों में लूज जीरा 85 से 100 रुपए प्रति किलो बिकने लगा है। इस साल जीरे का कैरी फारवर्ड स्टॉक सात लाख बोरी के आसपास बताया जा रहा है। 
निर्यात स्थिति 
भारतीय मसाला बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2012-13 (अप्रैल से सितंबर) में 35018 टन जीरा निर्यात हुआ, जबकि वर्ष 2013-14 में पिछले साल की समान अवधि में 67,500 टन जीरा एक्सपोर्ट हुआ है, जो कि 93 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है। 
बुआई अधिक होने से इस साल 65 लाख बोरी पैदावार का अनुमान, गत वर्ष 55 लाख बोरी का हुआ था उत्पादन 
देश में कहां कितनी आवक 
गुजरात की ऊंझा मंडी में 30 हजार बोरी जीरा प्रतिदिन उतरने के समाचार हैं। राजस्थान की मेड़ता, नागौर, जोधपुर, मथानिया, नोखा एवं बीकानेर आदि मंडियों में भी जीरे की सीमित आवक शुरू हो गई है। आवक दबाव में धीरे-धीरे और बढ़ोतरी होने के आसार हैं। 
20 मार्च 2014 9820 
20 मार्च 2013 13,000 
20 मार्च 2012 12,250 
20 मार्च 2011 16,100 
(थोक भाव रुपए प्रति क्विंटल में) 
एनसीडैक्स पर कब कितने भाव 
एनसीडैक्स पर 20 मार्च 2011 में 161 रुपए प्रति किलो बिका था जीरा, वर्तमान में 98 रुपए पर आए भाव 

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