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अजमेर कोर्ट लिपिक भर्ती परीक्षा रद्द

राजस्थान हाईकोर्ट ने अजमेर की बहुचर्चित कोर्ट लिपिक भर्ती परीक्षा रद्द कर दी है। हाईकोर्ट के आदेश पर अजमेर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उमेश कुमार शर्मा ने रविवार को अवकाश के बावजूद सत्र न्यायालय आकर परीक्षा रद्द करने संबंधी आदेश जारी किया। परीक्षा में मोटी रकम ले-देकर भर्ती की जा रही थी। एसीबी ने छापा मारकर इस गोरखधंधे का भंडाफोड़ किया था। इसमें अजमेर के तत्कालीन जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय कुमार शारदा के भी शामिल होने के प्रमाण मिले थे। एसीबी ने कोर्ट के दो बाबुओं, एक दलाल और एक वकील को गिरफ्तार किया था। छापे के तत्काल बाद शारदा को हाईकोर्ट ने अजमेर से हटा दिया था। बाद में उन्हें निलंबित किया गया था। 
जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट ने परीक्षा रद्द करने संबंधी आदेश अजमेर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश को रविवार को फैक्स से भेजा। इसमें 9 जनवरी 13 को विज्ञापित लिपिक व स्टेनो पद की भर्ती को निरस्त करने के आदेश जारी करने के निर्देश दिए गए थे। हाईकोर्ट रजिस्ट्रार ने जिला न्यायाधीश उमेश कुमार शर्मा को फोन पर परीक्षा रद्द करने संबंधी जानकारी दी। निर्देश मिलने पर न्यायाधीश शर्मा ने रविवार को अवकाश के बावजूद न्यायालय का कार्यालय खुलवाया और भर्ती कैंसिल करने संबंधी आदेश तैयार करवाकर इसकी सूचना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को दी। दोपहर दो बजे भर्ती रद्द करने का आदेश कोर्ट के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करवा दिया गया। 
इस आदेश की प्रति अजमेर न्याय क्षेत्र के सभी न्यायिक अधिकारियों को भी भिजवा दी गई है। कोर्ट भर्ती परीक्षा कराने की जिम्मेदारी जिला एवं सत्र न्यायालय की थी, इसीलिए परीक्षा रद्द करने संबंधी आदेश भी सत्र न्यायालय के स्तर पर ही जारी होना अनिवार्य था। यानी नियोक्ता जिला एवं सत्र न्यायाधीश थे। हालांकि परीक्षा हाईकोर्ट के आदेश पर रद्द की गई है। 
कब क्या हुआ 

9 जनवरी 13 : जिला न्यायाधीश ने जिला न्यायालय में 47 लिपिक और 8 स्टेनो की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया। 

24 फरवरी 13 : हिंदी व अंग्रेजी लिखित परीक्षा हुई। 

3 मार्च 13: स्टेनो के लिए आशुलिपिक व टंकण तथा कम्प्यूटर परीक्षा हुई। 

23 अप्रैल 13 : एसीबी ने छापा मारा। केकड़ी के वकील हेमराज कानावत, नसीराबाद कोर्ट के नाजिर राजेश शर्मा, कोर्ट बाबू हितेश शर्मा और सरवाड़ निवासी अब्दुल रज्जाक को गिरफ्तार किया गया। इन पर भर्ती कराने के लिए अभ्यर्थियों से रुपए के लेनदेन का आरोप था। इसी दिन हाईकोर्ट रजिस्ट्रार ने परीक्षा संबंधी रिकार्ड जिला न्यायालय में सीलबंद कर दिया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय कुमार शारदा को तत्काल अजमेर से हटा दिया गया। 

24 अप्रैल 13 : परीक्षा परिणाम घोषित होना था। भर्ती विवाद में पडऩे से परिणाम घोषित नहीं हुआ। 

25 अप्रैल 13 : बार कौंसिल ऑफ राजस्थान ने मामले की जांच करने के लिए फाइंड फैक्टिंग कमेटी बनाई। 

26 अप्रैल 13 : अजमेर में जज शारदा की जगह जिला न्यायाधीश उमेश कुमार शर्मा ने पदभार संभाला। उन्होंने विवादित भर्ती परीक्षा की आगामी कार्रवाई स्थगित करने संबंधी आदेश जारी किया। 

4 मई 13 : तत्कालीन जिला जज अजय कुमार शारदा से एसीबी ने हाईकोर्ट से अनुमति लेकर जयपुर स्थित एक गेस्ट हाउस में कई घंटे तक पूछताछ की। 

23 जून 13 : एसीबी ने भर्ती परीक्षा घोटाले और रिश्वत देकर मुकदमों की कार्रवाई प्रभावित करने के आरोप में वकील हेमराज कानावत, नाजिर राजेश श्मा, कोर्ट बाबू हितेश शर्मा और अब्दुल रज्जाक के खिलाफ चार्जशीट पेश की। एसीबी ने जज अजय कुमार शारदा और फरार आरोपी वकील भगवान सिंह चौहान के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 173(8) में जांच पेंडिंग रखी। इसी माह जज अजय कुमार शारदा को निलंबित कर दिया गया। 

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