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14 दिन बाद भी नहीं खुला स्कूल, विद्यार्थियों ने कहा, पढ़ाई हो रही है बाधित

मृतक बच्चों के परिजनों और अन्य लोगों में तनातनी  
गोलूवाला | कस्बे के सरस्वती मॉडर्न उच्च माध्यमिक विद्यालय के सामने सोमवार को मृतक बच्चों के परिजन और अन्य लोगों में तनातनी हो गई। इससे एक बार माहौल तनावपूर्ण हो गया। पुलिस ने समझाइश कर दोनों पक्षों को शांत किया। मृतक बच्चों के परिजन स्कूल की मान्यता निरस्त करने की मांग कर रहे हैं वहीं अन्य अभिभावक 14 दिन से बंद स्कूल को खुलवाने के प्रयास में हैं। वे बच्चों की पढ़ाई को लेकर चिंतित हैं। सूरांवाली-अमरसिहंवाला गांव के पास 30 जुलाई को सरस्वती स्कूल की बस और ट्रक की टक्कर में स्कूल के 12 बच्चों की मौत हो गई थी। तब से लोगों ने इस स्कूल को खुलने नहीं दिया। हालाँकि जिला शिक्षा अधिकारी हनुमानगढ़ ने विद्यालय संचालन के स्थगन आदेश को वापस लेते हुए 10 अगस्त को विद्यालय सुचारू रूप से चलाने एवं अध्ययन कार्य शुरू करने के आदेश दिए थे। स्कूल को बंद करवाने एवं पढ़ाई ठप होने से विद्यालय पहुंचे विद्यार्थी भी आक्रोशित हो गए। भीड़ में शामिल जोतराम नैण ने स्कूल के मुख्य द्वार पर कहा कि हम स्कूल को किसी हालत में नहीं चलने देंगे। पुलिस प्रशासन के हाथ पांव उस वक्त फूल गए जब गुस्साई भीड़ विद्यालय में प्रवेश कर गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्चों को घर भेज दिया और विद्यालय को बंद करवा दिया। तहसीलदार नरेश जोशी ने विद्यालय पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। मैनेजमेंट ने तहसीलदार के साथ हुई वार्ता के बाद मंगलवार को भी विद्यालय बंद रखने का निर्णय लिया है। कमेटी के सचिव राजेंद्रपाल सिंह ने बताया कि मंगलवार को केवल बोर्ड परीक्षा के फार्म भरे जाएंगे। बंद करवाने वालों में उपसरपंच आदुराम, जोतराम नैण, बूटा सिंह गिल, धर्मपाल गोदारा व राधेश्याम पोटलिया शामिल थे। 

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