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मावठ ने बढ़ाई ठंड, बारानी फसलों के लिए रामबाण

पीलीबंगा | पश्चिमी विक्षोभ के चलते गुरुवार को मौसम का मिजाज बदला नजर आया। दिनभर रुक-रुककर रिमझिम बरसात हुई व ठंडी हवाएं चलती रही। इस कारण दिनभर सर्दी का प्रभाव बना रहा। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि आगामी 48 घंटों में बरसात से तापमान में और गिरावट हो सकती है। सुबह पांच बजे से ठंडी हवाएं चलने के साथ ही आसमान में बादलों की आवाजाही शुरू हो गई। इस कारण ठंड का प्रभाव बना रहा। सुबह थोड़ी देर के लिए धूप निकली। इसके बाद सूर्य देवता फिर से बादलों की ओट में छिप गए। सुबह नौ बजे ठंडी हवाएं चलने के साथ ही बूंदाबांदी शुरू हो गई जो रुक-रुककर दिनभर होती रही। इससे आवागमन भी बाधित हुआ। दिनभर बादलवाही से चालकों को दिन में ही वाहनों की हेडलाइट लाइट जलानी पड़ी। बरसात होने व ठंडक अधिक होने के कारण बाजार में आम दिनों की अपेक्षा चहल-पहल कम रही। जरूरी काम निपटाने के लिए घरों से बाहर निकले | लोगों ने सर्दी व बरसात से बचाव का पूरा इंतजाम कर रखा था। दिन में ठंड से बचने के लिए लोग अलाव जलाकर तापते नजर आए। बाजार में गर्म समोसे, कचौरी, मूंगफली व गजक विक्रेताओं के यहां ग्राहकी बढ़ गई। शाम को पांच बजे के बाद ठंड का असर बढऩे पर कामगार लोग भी रोजमर्रा का काम जल्दी निपटाकर घरों को लौट गए। कृषि उपनिदेशक केके पोटलिया ने बताया कि मावठ की बारिश में नाइट्रोजन के तत्व होते हैं। जो बारिश के पानी के साथ मिलकर पौधों पर गिरते है। इससे पौधों की जड़ें तथा पत्ते मजबूत बनते हैं। बारानी फसलों के लिए उन्होंने मावठ की बारिश को रामबाण बताया। 

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