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योजना : खेत में फैक्ट्री लगाने पर एक करोड़ रुपए का अनुदान

किसान खेती के साथ अब उद्योग जगत में अपनी किस्मत आजमा सकेंगे। किसानों को उद्योग धंधों से जोडऩे तथा फसल उत्पादन का पूरा फायदा देने के लिए सरकार अब खेत में फैक्ट्री लगाने पर एक करोड़ रुपए का अनुदान देगी। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत राज्य सरकार ने 20 करोड़ रुपए का बजट जारी किया है। औद्योगिक क्षेत्र में फैक्ट्री लगाने पर सरकार किसी तरह का अनुदान नहीं देगी। राज्य सरकार ने इस संबंध में उद्यान विभाग को गाइड लाइन भेजी है। योजना के अनुसार किसानों को औद्योगिक इकाई स्थापित करने में आने वाले कुल खर्च का 50 प्रतिशत या अधिकतम एक करोड़ का अनुदान देकर आर्थिक रूप से प्रोत्साहित करेगी। जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सके। अनुदान का लाभ उठाकर खेत में कृषि उत्पाद संबंधी फैक्ट्री स्थापित करने के लिए किसान उद्यानिकी विभाग के सहायक निदेशक कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने वाले किसान के नाम कृषि भूमि होना जरूरी है। खुद के नाम कृषि भूमि नहीं होने की स्थिति में अनुदान देय नहीं होगा। 
अनुदान का लाभ लेने के इच्छुक किसान उद्यान विभाग के सहायक निदेशक कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए खेत में लगाने वाली फैक्ट्री का नक्शा तथा प्रोजेक्ट रिपोर्ट पेश करनी होगी। इसमें प्रोजेक्ट शुरू होने तथा खत्म करने की निश्चित तिथि होगी। भूमि स्वामित्व का प्रमाण पत्र, 100 रुपए के स्टांप पर हल्फनामा, आय-व्यय का ब्यौरा देने के लिए सीए रिपोर्ट, उद्योग स्थापित करने पर आने वाली कुल लागत का एस्टीमेट तैयार करके
आवेदन-पत्र के साथ लगाना होगा। 

खेत में फैक्ट्री लगाने के बाद किसान को कम से कम पांच साल तक उसे चालू रखना होगा। इसके लिए उद्यान विभाग के सहायक निदेशक साल में एक बार स्थापित औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण करेंगे। पांच वर्ष तक निरंतर उत्पादन कार्य नहीं होने पर किसान से अनुदान राशि छिन सकती है। 

योजना के अनुसार कुल लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम एक करोड़ का अनुदान किसानों को दिया जाएगा। इसके तहत पूंजीगत निवेश में प्लांट एवं मशीनरी पर 50, सिविल कार्य पर 40 तथा कार्यशील पूंजी पर 10 प्रतिशत लागत मानी गई है। अनुदान राशि का भुगतान दो किश्तों में होगा। अनुदान की पहली किश्त प्रशासनिक स्वीकृति तथा दूसरी किश्त इकाई के पूरा होने पर दी जाएगी।

उद्यानिकी फसलें जैसे फल, सब्जी, फूल, मसाले, औषधीय, आंवला, संतरा, इसबगोल, आम, किन्नू, अमरूद, पपीता, नींबू, अनार, सीताफल, बेर, ग्वारपाठा, टमाटर, मेहंदी, मसाले में जीरा, धनिया, मैथी तथा पारंपरिक फसलें तिलहन, दाल, गेहूं, जौ, ग्वार, आदि फसलों से संबंधित औद्योगिक इकाई की स्थापना के लिए सरकार अनुदान देगी। 

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