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फूड सेफ्टी एण्ड सिक्योरिटी एक्ट : व्यापारियों की पीड़ा

पीलीबंगा |फूड सेफ्टी एण्ड सिक्योरिटी एक्ट के नियमों का मकड़जाल ठेला संचालकों से लेकर दुकानदारों पर भारी पड़ेगा। अब खाद्य सामग्री बेचने वालों को कारोबार का पंजीकरण स्वास्थ्य विभाग के खाद्य निरीक्षक के पास करवाना होगा, जिसमें उन्हें लम्बी चौड़ी प्रक्रिया से गुजरना होगा। अब कारोबारियों को पंजीकरण केलिए बारह रूपए के स्थान पर सौ से पांच हजार रूपए तक शुल्क अदा करना पड़ेगा। एक्ट के अनुसार खाद्य सामग्री विक्रय करने वाले प्रत्येक दुकानदार, व्यवसायी को स्वास्थ्य विभाग में पंजीकरण करवाना होगा। भले ही खाद्य सामग्री थड़ी (फुटपाथ) पर बेची जा रही हो या फिर ठेले पर। पंजीयन के लिए फॉर्म ए में आवेदन करना होगा।

आवेदन पत्र के साथ फोटो, पहचान पत्र, किरायानामा सहित अन्य दस्तावेज संलगA करने होंगे। आवेदन के बाद खाद्य निरीक्षक निरीक्षण करेंगे। इसमें दुकान अथवा स्टॉल संचालक का स्वस्थ होना जरूरी है। 12 लाख रूपए से वार्षिक टर्न ओवर कम होने पर सौ रूपए शुल्क तथा इससे अधिक के कारोबारियों को दो हजार से पांच हजार रूपए वार्षिक शुल्क देना होगा।

एक्ट के प्रावधानों के अनुसार दुकानदार को किरायानामा अथवा कारोबार स्वयं करने की शपथ वाला हलफनामा देना होगा। व्यवसाय स्थल का नक्शा और संचालक के स्वास्थ्य का प्रमाण पत्र देना होगा। ठेला संचालक, थडियों पर खाद्य सामग्री बेचने वाले इन नियमों से परेशान हंै। 
खाद्य सामग्री विक्रय करने वालों का पंजीयन पूर्व में नगर परिषद में होता था।
इसके तहत एक रूपए मासिक शुल्क लेकर मामूली औपचारिकताओं के बाद प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता।

सरकार को व्यापारियों की पीड़ा को समझना चाहिए। एक्ट से इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा मिलेगा। 
"किरयाना व्यापार में खाद्य सामग्री पैकिंग अथवा कच्चे माल के रूप में उपलब्ध होती है। उन्हें एक्ट से बाहर किया जाना चाहिए। पंजीयन शुल्क में भारी बढ़ोतरी कम होनी चाहिए।   "


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