दमकल आने तक खाक हो जाती है कपास
गोलूवाला | स्थानीय मंडी क्षेत्र में फायर ब्रिगेड की कमी वर्षों से लोगों को खल रही है। हर वर्ष क्षेत्रवासी आगजनी के रूप में इसकी कीमत भी चुका रहे हैं। बीते तीन वर्षों में आधा दर्जन से अधिक आगजनी की बड़ी-बड़ी घटनाओं के प्रत्यक्षदर्शी यहां के लोग बन चुके हैं। कपास मंडी क्षेत्र होने के बावजूद लोगों को फायर बिग्रेड सुविधा अब तक नसीब नहीं हुई है। गत दिनों ही मेनरोड स्थित श्रीश्याम इंडस्ट्रीज में रखी लाखों रुपए की कपास की ढेरियों में अचानक आग लग गई। दमकल गाड़ी मौके पर पहुंचते-पहुंचते सारा माल आग की भेंट चढ़ गया। ऐसी ही अनेक छोटी-मोटी आग की घटना से लोग जूझते रहते हैं। व्यापारियों का कहना है कि मंडी में नरमा कपास के सीजन में हजारों टन माल की आवक होती है। यहां आधा दर्जन कॉटन फैक्ट्रियां एवं सौ से ऊपर आढ़त की दुकानें हैं जहां सीजन में नरमा-कपास की भरपूर आवक होती है। आगजनी की घटना घटित होने पर स्थानीय प्रशासन के पास दमकल जैसी कोई माकूल व्यवस्था नहीं है। पीछे की आगजनी की घटनाओं से भी कोई सीख नहीं ली गई। जबकि क्षेत्र गांठों के निर्माण में अग्रणी माना जाता है। व्यापारियों ने बताया कि दमकल की स्थानीय स्तर पर व्यवस्था होती तो अब तक कई बड़े नुकसान से बचा जा सकता था। फैक्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष कृपाल सिंह जाखड़ ने बताया कि दमकल की व्यवस्था नहीं होना गंभीर समस्या है। इससे व्यापारियों के अलावा आम लोगों को भी परेशानी है। सीजन में आगजनी की घटना से वे ज्यादा आशंकित रहते हैं लेकिन प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
मंडी समिति भी नहीं गंभीर
धानमंडी से सालाना करोड़ों रुपए टैक्स वसूलने वाली कृषि उपज मंडी समिति भी इस समस्या के प्रति लापरवाह बना हुआ है। आग से निपटने के लिए फायर फाइटर की भी कोई व्यवस्था नहीं है। समिति का कार्य मात्र टैक्स वसूलने तक ही सीमित है, जबकि उच्चाधिकारियों की यही लापरवाही व्यापारियों के लिए नासूर बनती जा रही है। व्यापारियों का कहना है कि नगरपालिका नहीं होने के कारण मंडी समिति को आग से निपटने की व्यवस्था करनी चाहिए।
ऐसे तो बुझ गई आग
क्षेत्र में आगजनी की घटना होने पर पीलीबंगा, गंगानगर व हनुमानगढ़ से दमकल की वैकल्पिक व्यवस्था करनी पड़ती है। पवन अग्रवाल व ओमप्रकाश आदि व्यापारियों ने बताया कि मंडी क्षेत्र से गंगानगर 55, हनुमानगढ़ 35 व पीलीबंगा 25 किमी दूर स्थित है। इन मंडियों से जब तक दमकल गाड़ी पहुंचती है, तब तक घटना काफी विकराल रूप धारण कर लेती है। गौरतलब है कि गत दिनों श्री श्याम इंडस्ट्रीज में लगी आग पर समय रहते काबू पाया जा सकता था लेकिन दमकल पहुंचने में काफी देरी लग गई। इस व्यवस्था से आगजनी पर रोक लगना मुश्किल है।
लोगों ने बताया कि इस समस्या से प्रशासनिक अधिकारियों व राज्य सरकार को कई बार अवगत करवाया जा चुका है लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।
डिप्टी डायरेक्टर को करवाया है अवगत
॥इस संबंध में डिप्टी डायरेक्टर को अवगत करवाया है। समस्या गंभीर है। स्टाफ की भारी भरकम आवश्यकता के चलते लोकल स्तर पर दमकल की व्यवस्था नहीं हो पा रही है।
उमेश चंद्र शर्मा, सचिव, कृषि उपज मंडी समिति, गोलूवाला
मंडी समिति भी नहीं गंभीर
धानमंडी से सालाना करोड़ों रुपए टैक्स वसूलने वाली कृषि उपज मंडी समिति भी इस समस्या के प्रति लापरवाह बना हुआ है। आग से निपटने के लिए फायर फाइटर की भी कोई व्यवस्था नहीं है। समिति का कार्य मात्र टैक्स वसूलने तक ही सीमित है, जबकि उच्चाधिकारियों की यही लापरवाही व्यापारियों के लिए नासूर बनती जा रही है। व्यापारियों का कहना है कि नगरपालिका नहीं होने के कारण मंडी समिति को आग से निपटने की व्यवस्था करनी चाहिए।
ऐसे तो बुझ गई आग
क्षेत्र में आगजनी की घटना होने पर पीलीबंगा, गंगानगर व हनुमानगढ़ से दमकल की वैकल्पिक व्यवस्था करनी पड़ती है। पवन अग्रवाल व ओमप्रकाश आदि व्यापारियों ने बताया कि मंडी क्षेत्र से गंगानगर 55, हनुमानगढ़ 35 व पीलीबंगा 25 किमी दूर स्थित है। इन मंडियों से जब तक दमकल गाड़ी पहुंचती है, तब तक घटना काफी विकराल रूप धारण कर लेती है। गौरतलब है कि गत दिनों श्री श्याम इंडस्ट्रीज में लगी आग पर समय रहते काबू पाया जा सकता था लेकिन दमकल पहुंचने में काफी देरी लग गई। इस व्यवस्था से आगजनी पर रोक लगना मुश्किल है।
लोगों ने बताया कि इस समस्या से प्रशासनिक अधिकारियों व राज्य सरकार को कई बार अवगत करवाया जा चुका है लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।
डिप्टी डायरेक्टर को करवाया है अवगत
॥इस संबंध में डिप्टी डायरेक्टर को अवगत करवाया है। समस्या गंभीर है। स्टाफ की भारी भरकम आवश्यकता के चलते लोकल स्तर पर दमकल की व्यवस्था नहीं हो पा रही है।
उमेश चंद्र शर्मा, सचिव, कृषि उपज मंडी समिति, गोलूवाला
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