विद्यालय भूमि पर स्वामित्व का दावा
पीलीबंगा। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में विवादित करीब साढे तेईस बीघा भूमि को लेकर शिक्षण समिति व शाला प्रशासन का पालिका से चल रहे विवाद के पटापेक्ष होने की संभावना बनी है। जांच में भूमि विद्यालय की होने की पुष्टि पर शिक्षण समिति में आशा की किरण जगी है।
भूमि के मामले में 10 दिसम्बर 1965 को मंडी विकास समिति की हनुमानगढ़ में उपनिवेशन आयुक्त बीकानेर की अध्यक्षता में हुई बैठक में सचिव ने एजेण्डा संख्या 9 में पीलीबंगा हायर सेकेण्डरी स्कूल को एक मुरब्बा भूमि अलाट करने के लिए उप नगर नियोजक बीकानेर को डिजाइन बनाने के निर्देश दिए थे।
इसके बाद मंडी विकास समिति हनुमानगढ़ की 22 अप्रेल 1966 को उपनिवेशन आयुक्त की अध्यक्षता में हुई बैठक में सचिव ने एजेण्डा संख्या 12 में पीलीबंगा उच्च विद्यालय के लिए सेक्टर दो में आंवटित 800 गुणा 800 फीट भूमि की पुष्टि को लेकर लिखित कार्यवाही में अंकित किया। सचिव के निर्देश में यह भूमि शाला को आवंटित होने की पुष्टि होती है।
उधर, पालिका अध्यक्ष शकीला गोदारा ने बताया कि इस भूमि को लेकर आपत्ति के संबंध में समाचार पत्रों में विज्ञप्ति जारी करवाई गई थी। शिक्षण समिति व शाला प्रशासन ने आपत्ति दर्ज करवाते समय भूमि को लेकर तथ्यात्मक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए।
विघिसंगत कागजात प्रस्तुत नहीं करने पर पालिका ने उनकी आपत्ति खारिज कर दी। उन्होंने बताया कि भूमि के मालिकाना हक के लिए शिक्षण समिति व शाला प्रशासन को तथ्यात्मक दस्तावेज प्रस्तुत करनी होगी।
भूमि के मामले में 10 दिसम्बर 1965 को मंडी विकास समिति की हनुमानगढ़ में उपनिवेशन आयुक्त बीकानेर की अध्यक्षता में हुई बैठक में सचिव ने एजेण्डा संख्या 9 में पीलीबंगा हायर सेकेण्डरी स्कूल को एक मुरब्बा भूमि अलाट करने के लिए उप नगर नियोजक बीकानेर को डिजाइन बनाने के निर्देश दिए थे।
इसके बाद मंडी विकास समिति हनुमानगढ़ की 22 अप्रेल 1966 को उपनिवेशन आयुक्त की अध्यक्षता में हुई बैठक में सचिव ने एजेण्डा संख्या 12 में पीलीबंगा उच्च विद्यालय के लिए सेक्टर दो में आंवटित 800 गुणा 800 फीट भूमि की पुष्टि को लेकर लिखित कार्यवाही में अंकित किया। सचिव के निर्देश में यह भूमि शाला को आवंटित होने की पुष्टि होती है।
उधर, पालिका अध्यक्ष शकीला गोदारा ने बताया कि इस भूमि को लेकर आपत्ति के संबंध में समाचार पत्रों में विज्ञप्ति जारी करवाई गई थी। शिक्षण समिति व शाला प्रशासन ने आपत्ति दर्ज करवाते समय भूमि को लेकर तथ्यात्मक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए।
विघिसंगत कागजात प्रस्तुत नहीं करने पर पालिका ने उनकी आपत्ति खारिज कर दी। उन्होंने बताया कि भूमि के मालिकाना हक के लिए शिक्षण समिति व शाला प्रशासन को तथ्यात्मक दस्तावेज प्रस्तुत करनी होगी।
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