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पुनर्वास का मसला गर्माया

पीलीबंगा । वार्ड 10 व 14 के धानका समाज के लोगों द्वारा अपने पुनर्वास की मांग को लेकर द्वारा नवीन मंडी यार्ड के सामने दिया जा रहा धरना-प्रदर्शन आज दूसरे दिन भी जारी रहा। इससे नवीन मंडी यार्ड प्रांगण में आज भी कृषि जिंसों की तुलाई आदि का कार्य ठप पड़ा रहा। हजारों टन गेहूं तुलाई के अभाव में व्यापारियों के पिड़ों पर पड़ा हैं। किसान भयंकर गर्मी में अपनी फसल की तुलाई के इंतजार में परेशान है। आक्रोशित धानका समाज के लोगों के साथ विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों की आज कई दौर की वार्ता हुई, परंतु धानका समाज के लोग पुनर्वास की मांग के साथ उन्हें पट्टे जारी करने की मांग पर अड़े रहे। प्रात: करीब 10 बजे जिला सरपंच एसोसिएशन के अध्यक्ष बलबीरसिंह सिद्धू, भारतीय किसान संघ के तहसील महामंत्री प्रगटसिंह बराड़, रामकुमार खिलेरी व विभाग उपाध्यक्ष प्रेम बेनीवाल तथा कृषि उपज मंडी समिति सचिव अशोक शर्मा ने धानका-तौला मजदूर यूनियन अध्यक्ष हरीराम लुगरिया सहित धानका समाज के अन्य प्रतिनिधियों से वार्ता कर उन्हें समझाया कि 12 मई को पालिका बोर्ड की बैठक में रा.उ.मा.वि. की भूमि के संदर्भ में पालिका को शिक्षण समिति सहित शहर के अन्य लोगों से प्राप्त आपत्तियों को बोर्ड द्वारा सर्वसम्मति से खारिज कर दिया गया। अब पालिका का यह क्षेत्राधिकार है कि वह स्वयं निर्णय कर स्कूल की भूमि पर बेघर होने वाले परिवारों को पुर्नवासित कर सकती हैं। भाकिसं पदाधिकारियों ने भी धानका समाज के लोगों को उनके संघर्ष में हरसंभव सहयोग देने का भरोसा दिलाते हुए वर्तमान में उनकी हड़ताल से किसानों को हो रही परेशानियों से अवगत करवाया और काम पर लौट जाने की अपील की। धानका समाज के लोग अपनी जिद्द पर अड़े रहे। इस विषय को लेकर व्यापार मंडल सभागार में व्यापारियों व पालिकाध्यक्ष पति सुभाष गोदारा के साथ बैठक हुई। बैठक में अध्यक्ष बृजमोहन जिंदल ने बताया कि स्कूल की भूमि के मामले में शिक्षण समिति व व्यापार मंडल द्वारा दर्ज करवाई आपत्ति पूरे गांव का निर्णय था। सभी चाहते थे कि स्कूल की भूमि स्कूल के पास ही रहनी चाहिए। इस पर पूर्व पालिकाध्यक्ष ने कहा कि यदि दोनों संस्थाएं दर्ज करवाई कई आपत्ति को वापिस ले ले तो इस संबंध में विचार-विमर्श कर निर्णय लिया जा सकता है। बैठक में वरिष्ठ उद्यमी रामेश्वरलाल पेड़ीवाल, भंवरलाल कॉयल, मुकेश गोयल, मालचंद सारस्वत, कृष्ण गोदारा, जगदीश सहारण, अमर गर्ग, ओम सहारण सहित अनेक व्यापारियों ने शाला की भूमि शाला के पास ही रहने की वकालत करते हुए अतिक्रमण हटाने के दौरान बेघर होने वाले परिवारों को किसी अन्य स्थान पर जगह देने की बात कहीं। बैठक के दौरान ही वार्ड 16 की महिलाओं ने उन्हें हटाने से पहले पुर्नवासित करने की मांग कीं। अंत में यह बैठक भी बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई।

source: Seema Sandesh

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