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गंदे पानी के गड्ढे या मौत के कुए?

पीलीबंगा। कस्बे के वार्ड १७ व ११ में स्थित गंदे पानी की गिनानी(गड्ढे) से वार्ड वासियों को जीना दूभर हो चुका है। वर्षों से ज्वंलत समस्या को लेकर वार्डवासियों द्वारा पालिका प्रशासन व उपखण्ड अधिकारी को बार-बार अवगत करवाने के बाद भी कुंभकरणी नींद में सोए हुए प्रशासन के कानों तले जूं नहीं रेंगी है। कस्बे के वार्ड नं.११ व१७ के नागरिकों ने बताया कि रविदास मंदिर के पास लगभग छह दशक पुराने गड्ढों में बरसात के समय दुलमानी क्षेत्र का पानी एकत्रित होता है। गड्ढों में से पानी की निकासी नही होने के कारण एकत्रित पानी सड़ान मारने लगाता है। हवा का रूख वार्ड की तरफ होने से दुंर्गध के कारण वार्डवासियों की स्थिति दयनीय हो जाती है। इसी तरह से वार्ड १७ स्थित गिनानी के आस-पास वार्डवासियो की स्थिति बदत्तर है।
बने मौत के गड्ढेः दोनों वार्डों में स्थित गंदे पानी की गड्ढों से दुंर्गध के अलावा आस-पास के मकानों में सीलन आ जाने से मकान क्षतिग्रस्त हो रहे है। समाजसेवी देवी लाल मावर ने बताया कि इन गड्डों में आये दिन मूक पशु गिरकर मर रहे है। पुरी मंडी क्षेत्र का पानी इसी गड्ढों में एकत्रित होता है।दलदल का रूप धारण कर चुके इन गड्ढों में मजदूरी कर घर लौट रहे भागाराम पुत्र मोहन लाल का पैर फिसलने से गड्ढे में गिरने से मौत हो गई। इससे पूर्व इन गड्ढों ने दो और जिन्दगीयों को अपने आगोश में ले लिया। परन्तु प्रशासन द्वारा इन गड्ढों को भरवाने का कोई कारगर उपाय नहीं किया गया है।
महामारी की आशंकाः दोनो वार्डों मे स्थित गंदे पानी के गड्ढों से मच्छरों की तादात दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। जिससे मौसमी बिमारियां फैलने की आंशका से भी इंकार नहीं किया जा सकता। वार्ड वासियों ने बताया कि घरों के ठीक आगे स्थित दलदल के गड्ढों में हर समय छोटे बच्चों की गिरने की संभावनाएं बनी रहती है। उन्होंने जिला कलक्टर को ज्ञापन भेजकर गड्ढों से निजात दिलवाने की मांग की है।

Source: Minakshi Sandesh

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