पंचायत समिति कार्यालय में मारपीट प्रकरण को लेकर आंदोलन जारी
पीलीबंगा। एक पखवाड़ा पूर्व स्थानीय पंचायत समिति कार्यालय मे बीडीओ व कार्मिकों के साथ नरेगा श्रमिकों द्वारा मारपीट का मामला तेजी पकड़ता जा रहा है। मामले को लेकर पंचायत समिति कार्यालय कर्मचारी व ग्राम सचिव पिछले २० दिनों से हड़ताल पर है। लेकिन पुलिस मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार करने में ढिलाई बरत रही है। ऐसे में कर्मचारियों में पुलिस व प्रशासन के प्रति रोष व्याप्त है। ग्राम सचिव पिछले दो दिन से जिला मुख्यालय पर क्रमिक अनशन पर बैठे है तथा बुधवार को पुलिस थाना का घेराव कर प्रदर्शन करेंगे।
थाना का घेराव आजःमारपीट की घटना के विरोध स्वरूप तथा मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी न होने के विरोध स्वरूप कार्मिक आज पुलिस थाना के समक्ष धरना प्रदर्शन करेंगे। तहसील अध्यक्ष मगरूर सिंह ने बताया कि पुलिस की सांठ-गांठ के चलते नरेगा श्रमिकों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। ऐसे में स्थानीय थाना प्रभारी रामेश्चर लाल सहारण को निलम्बित किया जाए।
पंचायते सूनी ग्रामीण परेशानः ग्राम सचिवों के हड़ताल पर जाने से पंचायत समिति की ३२ ग्राम पंचायतों मे सन्नाटा पसरा हुआ है। ग्रामीण छोटे-मोटे कार्य के लिए पंचायतों के रोजाना चक्कर लगा रहे है।लेकिन उनको खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि घटना को २० दिन निकलने के बाद भी मामले को सुलझाया नही जा रहा है। इससे उनके रोजमर्रा के कार्य पर बुरा असर पड़ रहा है।
इन संघों का समर्थनः प्रकरण को लेकर विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने ग्राम सचिवों को समर्थन देने का निर्णय लिया है। इसके तहत पटवार संघ कृषि पर्यवेक्षक संघ तथा मंत्रालय कर्मचारियों ने आंदोलन को समर्थन दिया है।
Source: Minakshi Sandesh
थाना का घेराव आजःमारपीट की घटना के विरोध स्वरूप तथा मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी न होने के विरोध स्वरूप कार्मिक आज पुलिस थाना के समक्ष धरना प्रदर्शन करेंगे। तहसील अध्यक्ष मगरूर सिंह ने बताया कि पुलिस की सांठ-गांठ के चलते नरेगा श्रमिकों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। ऐसे में स्थानीय थाना प्रभारी रामेश्चर लाल सहारण को निलम्बित किया जाए।
पंचायते सूनी ग्रामीण परेशानः ग्राम सचिवों के हड़ताल पर जाने से पंचायत समिति की ३२ ग्राम पंचायतों मे सन्नाटा पसरा हुआ है। ग्रामीण छोटे-मोटे कार्य के लिए पंचायतों के रोजाना चक्कर लगा रहे है।लेकिन उनको खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि घटना को २० दिन निकलने के बाद भी मामले को सुलझाया नही जा रहा है। इससे उनके रोजमर्रा के कार्य पर बुरा असर पड़ रहा है।
इन संघों का समर्थनः प्रकरण को लेकर विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने ग्राम सचिवों को समर्थन देने का निर्णय लिया है। इसके तहत पटवार संघ कृषि पर्यवेक्षक संघ तथा मंत्रालय कर्मचारियों ने आंदोलन को समर्थन दिया है।
Source: Minakshi Sandesh
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