Header Ads

test

गेहूं सरकारी खरीद के छह केंद्रों की ई-निविदा प्रक्रिया पर रोक के आदेश, किसानों को हो सकती है परेशानी


समस्या : सुमंगलम सेवा क्षेत्र सहकारी समिति लि. ने कोर्ट में लगाई थी याचिका, समिति के पक्ष में सुनाया फैसला 
जिले में अप्रैल माह में होने वाली गेहूं की सरकारी खरीद को लेकर परिवहन और हैंडलिंग के छह केंद्रों की ई-निविदा प्रक्रिया पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। इसमें हनुमानगढ़ जंक्शन, टाउन, गोलूवाला, पीलीबंगा, रावतसर और टिब्बी केंद्र शामिल है। दरअसल, तिलम संघ राज्य स्टेट एजेंसी की सदस्य समिति सुमंगलम सेवा क्षेत्र सहकारी समिति लि. ने कोर्ट में याचिका लगाई थी जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने समिति के पक्ष में यह आदेश दिए हैं। ऐसे में अगले माह होने वाले सरकारी खरीद कार्य को लेकर हैंडलिंग और परिवहन का ठेका नहीं होने पर परेशानी खड़ी हो सकती है। 
जानकारी अनुसार 16 फरवरी 19 को दोनों जिलो के लिए हैंडलिंग-परिवहन के लिए 31 केंद्रों के लिए ई-निविदा हुई थी। इसमें सुमंगलम सेवा क्षेत्र सहकारी समिति लि. ने ई-निविदा में हिस्सा लेते हुए जंक्शन, टाउन, गोलूवाला, पीलीबंगा, रावतसर एवं टिब्बी के खरीद केंद्रों के लिए नियमानुसार आवेदन किया। 
27 फरवरी को निविदाएं खोली गईं। इसके बाद एफसीआई ने मेल के माध्यम से इसे स्वीकार किया और 2 फरवरी को तकनीकी खामी बताते हुए निरस्त कर दिया। बिना किसी सूचना के ई-निविदा आवेदन निरस्त करने पर संबंधित समिति ने 14 मार्च को जोधपुर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने आदेश देते हुए संबंधित केंद्रों की निविदाओं पर रोक लगाते हुए आगामी प्रक्रिया अपनाने के आदेश दिए हैं। 
14 केंद्र, 13 पर एफसीआई और एक पर तिलम संघ करेगा खरीद 
विभागीय पॉलिसी का किया है उल्लंघन, जबकि करोड़ों का काम कर चुकी है समिति 
समिति के अध्यक्ष विजय कुमार बंसल ने बताया कि एफसीआई ने ठेका निरस्त करने में घोर लापरवाही बरती है। कई तरह की पॉलिसी और नियमों का उल्लंघन किया है। खास बात है कि फूड डिपार्टमेंट की पॉलिसी के मुताबिक पहले केंद्र सरकार, फिर राज्य सरकार और इसके बाद कॉपरेटिव को ठेके में प्राथमिकता दी जानी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं किया गया। वहीं उन्होंने बताया कि समिति ने पिछले 6-7 सालों में कई बार सवा सौ करोड़ से अधिक की खरीद और हमाली का काम कर चुकी है। साथ ही ई-प्रोक्योरमेंट ट्रांसपेरेंसी एक्ट की धारा 26 के तहत बिना सूचना के बिना सुनवाई के ठेका निरस्त नहीं किया जा सकता। 
चिंता इसलिए...समय पर नहीं हुई टेंडर प्रक्रिया पूरी तो आ सकती है ये बड़ी परेशानी 
यदि गेहूं खरीद के इन केंद्रों पर यदि समय पर टैंडर प्रक्रिया जारी नहीं रही तो मंडियों में परेशानी खड़ी हो सकती है। क्योंकि अप्रैल के पहले सप्ताह में गेहूं आने की संभावना है। ऐसे में मंडियों में यदि जल्द ही हैँडलिंग और परिवहन के टैंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई तो मंडी में उठाव नहीं होने की समस्या बन सकती है, जो व्यापारियों सहित मजदूरों और किसानों को परेशानी में डाल सकती है। क्योंकि जिले में करीब 2 लाख 49 हजार हैक्टेयर में गेहूं की बिजाई हुई है। ऐसे में गेहूं की बंपर आवक की संभावना है। वहीं जब गेहूं कटकर पहुंचती है तो एक साथ पहुंचती है। 
जिले में गेहूं खरीद को लेकर 14 केन्द्र बनाए गए हैं जिनमें से 13 पर एफसीआई और नोहर केन्द्र पर तिलम संघ गेहू की समर्थन मूल्य पर खरीद करेगा। जिले में करीब 2.49 लाख हैक्टेयर में गेहूं की बिजाई हुई है। करीब 10 लाख मैट्रिक टन गेहूं होने की संभावना जताई जा रही है। पिछली बार 5.28 लाख मैट्रिक टन गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद की गई थी। इस बार ये करीब 5.82 मैट्रिक टन रहने की संभावना है। जिले में गेहूं को लेकर संभावित तिथि 1 अप्रैल से 15 जून है। 

No comments