संस्कारों के बिना शिक्षा अधूरी : देवी ममता
पीलीबंगा| श्री कृष्ण गोशाला समिति पीलीबंगा गांव द्वारा गोशाला परिसर में आयोजित गोहितार्थ श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन शुक्रवार को कथावाचिका देवी ममता ने कहा कि संस्कारों के बिना शिक्षा अधूरी है। संस्कारों से व्यक्ति महान बनता है। इन दोनों के बिना धन दौलत, जमीन जायदाद, पद प्रतिष्ठा एवं मान मर्यादा सब बेकार है। जिस प्रकार बिना हथियारों के कोई युद्ध नहीं जीता जा सकता, उसी प्रकार बिना शिक्षा के जीवन को सार्थक और सच्चा नहीं बनाया जा सकता। कथावाचिका देवी ममता ने नटखट श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का रोचक तरीके से वर्णन किया। भक्तिन मीरा की कृष्ण भक्ति तथा भगवान श्री गिरीराज को बृजवासियों द्वारा लगाए गए 56 भोग का सुंदर वृतांत सुनाया। इस मौके पर व्यवस्थापक भागीरथ बेनीवाल, आदराम बेनीवाल, रामचंद्र बेनीवाल, मोटाराम शर्मा, हरफूल जाखड़, मनफूल बुरड़क, चतराराम, प्रेम सिंह बेनीवाल आदि उपस्थित थे
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