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पीलीबंगा विधानसभा के समीकरण और समस्याएं

इस बार भाजपा के धर्मेंद्र मोची व कांग्रेस के विनोद गोठवाल में सीधा मुकाबला 
  • धर्मेंद्र मोची (भाजपा) : उम्र 53 वर्ष, शिक्षा इंटरमीडिएट 

  • विनोद गोठवाल (कांग्रेस) : उम्र 37 वर्ष, शिक्षा बीए, बीएड 


विधानसभा सीट पर इस बार भाजपा और कांग्रेस में सीधा मुकाबला है। पिछली बार टिकट न मिलने पर भाजपा से बागी हुए धर्मेंद्र मोची इस बार भाजपा प्रत्याशी हैं। विगत विधानसभा चुनाव में भाजपा की टिकट न मिलने पर मोची बगावत कर निर्दलीय चुनाव लडक़र तीसरे स्थान पर रहे थे वहीं कांग्रेस ने इस बार भी अपना प्रत्याशी विनोद गोठवाल को ही बनाया है। 
कांग्रेस व भाजपा के अन्य दावेदारों में इस बार बगावत कर कोई चुनाव नहीं लड़ रहा है परंतु दोनों ही पार्टी प्रत्याशियों को भीतरघात का नुकसान झेलना पड़ रहा है। भाजपा जहां विकास के नाम पर वोट मांग रही है वहीं कांग्रेस इस बार भाजपा को जुमलों की सरकार करार देते हुए मतदाताओं को लुभाने में लगी हुई है। इनके अलावा पिछली बार जमींदारा पार्टी से चुनाव लड़ी नेहा मेघवाल इस बार राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। 
2018 
पीलीबंगा के मुद्दे... सीएचसी में ट्रोमा सेंटर नहीं बना, किसानों को खातेदारी हक आज तक नहीं मिले, घग्घर इलाके को राइस बैल्ट घोषित नहीं किया 
1.सेम समस्या का समूल निराकरण, दाेनों ही सरकारें नहीं करवा पाई। 
2.पीलीबंगा अस्पताल को ट्रोमा सेंटर बनाना और रैफरल अस्पताल में सुविधाएं नहीं। 
3.पीलीबंगा के घग्घर बहाव क्षेत्र के इलाके को राईस बैल्ट घोषित। 
4. किसानों को उनके खातेदारी हक दिलाना, आज भी बड़ी समस्या हैं। 
5. फोरलेन मार्ग के दोनों तरफ से काटे गए पेड़ लेकिन आज तक किसी ने गौर नहीं किया। 

कांग्रेस : -  पीलीबंगा व रावतसर क्षेत्र में सीवरेज प्लांट, किसानों को पूरी बिजली देंगे 

वसुंधरा सरकार क्षेत्र में सेम समस्या के निराकरण के लिए 3400 करोड़ रुपए खर्च किए जाने के दावे कर रही हैं परंतु वास्तविकता यह है कि सेमग्रस्त क्षेत्र के काश्तकार अभी भी इस समस्या से पूरी तरह उभरे नहीं हैं। कांग्रेस की सरकार आने पर सबसे पहले सेम समस्या का स्थाई समाधान करवाकर खातेदारी सनद के लिए वर्षों से बाट जोह रहे काश्तकारों को उनके खातेदारी हक दिलाए जाएंगे। पीलीबंगा व रावतसर क्षेत्र के हिस्सों को राईस बैल्ट घोषित करवाया जाएगा। साथ ही किसानों को कृषि कार्य के लिए 8 घंटे बिजली मिल सके इसकी व्यवस्था की जाएगी। साथ ही पीलीबंगा व रावतसर शहरी क्षेत्र में सीवरेज प्लांट प्रारंभ करवाए जाएंगे। पीलीबंगा के सरकारी अस्पताल को ट्रोमा सेंटर बनवाया जाएगा। 


भाजपा:- 
सेम समस्या का निराकरण का पूरा प्रयास किया हमारी सरकार ने 
कांग्रेस 60 वर्षों तक राज में रहकर जो कार्य नहीं करवा पाई वो भाजपा सरकार ने करवाए हैं। कांग्रेस सरकार ने तो सिर्फ भाजपा सरकार द्वारा क्षेत्र में करवाए गए विकास कार्यों का श्रेय लेने की नाकाम कोशिश की है परंतु पीलीबंगा क्षेत्र की जनता जागरुक है। सेम समस्या के निराकरण के लिए भाजपा सरकार के कार्यकाल से प्रयासरत है और इस समस्या के निराकरण को लेकर अधिकांश काम भाजपा सरकार में पूरा हो चुका है। भाजपा सरकार द्वारा सेम समस्या से निपटने के लिए अब तक करवाए गए विकास कार्यों की बदौलत ही पूर्व में रावतसर का शहरी क्षेत्र सेम जैसी भयंकर समस्या का ग्रास बनने से बच गया। इसके साथ ही भाजपा सरकार के कार्यकाल में पीलीबंगा शहरी क्षेत्र को स्मार्ट सिटी घोषित कर इसके लिए 100 करोड़ रुपए का बजट भी स्वीकृत करवाया गया है।


जानिए अपने क्षेत्र को : पीलीबंगा विधानसभा क्षेत्र में इस बार कुल 2 लाख 65 हजार 940 वोट हैं। जिनमें से लगभग 32 हजार वोट इस बार नए बने हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 52 ग्राम पंचायतें हैं जिनमें से 32 पीलीबंगा पंचायत समिति एवं 20 रावतसर पंचायत समिति के अधीन आती हैं। इसी विधानसभा क्षेत्र में पीलीबंगा व रावतसर दो नगरपालिका क्षेत्र हैं। जिनमें दोनों में 25-25 वार्ड आते हैं। 
9 प्रत्याशी चुनाव मैदान में : पीलीबंगा विधानसभा क्षेत्र में इस बार कुल 9 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। इनमें विनोद गोठवाल (कांग्रेस), धर्मेंद्र मोची(भाजपा), नेहा मेघवाल(आरएलपी), सुशील बौद्ध (बसपा), पीराराम (आम आदमी पार्टी), मनीराम मेघवाल(माकपा), सुभाषचंद्र(निर्दलीय), रूपाराम(निर्दलीय), जसविंद्र सिंह (निर्दलीय) शामिल हैं। 
फ्लैश बैक : वर्ष 2013 में भाजपा की द्रोपती मेघवाल 63,845 हजार वोट लेकर विजयी रही थीं। निकटतम प्रतिद्वंदी रहे कांग्रेस के विनोद गोठवाल को 53,647 वोट मिले थे। वहीं भाजपा से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़े धर्मेंद्र मोची को 33,535 वोट एवं जमींदारा पार्टी की नेहा मेघवाल को 22,623 वोट मिले थे। 

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