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कस्बे की मुख्य सड़क पर अतिक्रमण की मार, रेहड़ी संचालकों का कब्ज़ा , आवारा पशुओं की भरमार

पीलीबंगा : नगर पालिका द्वारा न्यायालय के निर्देशों का हवाला देते हुए करीब 35 वर्षों से काबिज 77 दुकानदारों के अतिक्रमणों को वर्ष 2008 में धवस्त कर दिया गया लेकिन उसी स्थान पर रेहड़ी संचालकों द्वारा किए गए अतिक्रमण आम जन के लिए परेशानी का सबब बन चुके हैं।
नागरिकों ने बताया कि वर्ष 2008 में अतिक्रमणमुक्त किए गए खरलियां मार्ग पर फल सब्जी के सैंकड़ों रेहड़ी संचालकों के कब्जा जमा लेने से व्यस्तम सड़क पर निराश्रित पशुओं की भरमार रहने से आए दिन दुर्घटनाएं घटती रहती है। इसके साथ ही रेहड़ी संचालकों की ओर से फेंकी गई गली-सड़ी सब्जियों से आ रही दुर्गंध से आस पास के दुकानदारों का रहना दुभर हो चुका है। कस्बे के नागरिकों द्वारा व्यस्त सड़क पर आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं व गंदगी बिखरी होने को लेकर नगर पालिका प्रशासन को कई बार अवगत करवाया जा चुका है। परंतु आज तक वर्षों से किसी भी पालिका बोर्ड द्वारा रेहड़ी संचालकों को हटाकर अन्य स्थान पर स्थापित करने की हिम्मत नहीं जुटाई गई है। खरलियां रोड़ व कृषक विश्राम गृह के सामने दोनों तरफ सेंकड़ों की संख्या में लगाए गए रेहड़ी व ठेलों के कारण शाम के समय वाहन तो क्या पैदल निकलने के लिए भी काफी मशक्कत का सामना करना पड़ता है।
दुकानदारों ने बताई पीड़ा खरलियां रोड स्थित भादू मार्केट के दुकानदारों ने बताया कि उनकी दुकानों के आगे फल व सब्जी की सैंकड़ों रेहड़ियां लगी होने एवं उनके द्वारा बिखेरी गई सब्जियों से आ रही दुर्गंध से उनका जीना दूभर हो चुका है। अस्त व्यस्त खड़े ठेलों से व दिनभर लगे पशुओं के जमावड़े को देखकर कोई भी ग्राहक उनकी दुकान तक नहीं पहुंच रहा है। इससे उनके समक्ष रोजी रोटी का संकट उत्पन हो गया है। व्यापार मंडल अध्यक्ष शांतिलाल दफ्तरी ने बताया कि नगर पालिका की ओर से 77 दुकानदारों को सन 2008 के दौरान न्यायालय के निर्देशों की दुहाई देकर उन्हें तो उजाड़ दिया गया। प्रभावित लोग तो आज भी परेशान हैं लेकिन उसी स्थान पर रेहड़ी संचालकों ने कब्जा कर पालिका के तमाम नियमों को धता बता दिया है, इसके साथ ही पालिका प्रशासन की उदासीनता ने दुकानें आंवटन होने की टकटकी लगाए बैठे है करीब 21 दुकानदारों के जख्मों पर नमक छिड़कने का कार्य किया किया है। उन्होंने बताया कि खरलियां रोड़, तुलसी सर्किल एवं कृषि उपज मंडी समिति रोड़ पर पसरी गंदगी एंव सड़क के बीचों बीच खड़ी रेहड़ियां राहगीरों के लिए मुसीबत की सबब बन चुकी है।
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के मुताबिक सन 2008 में पालिका प्रशासन द्वारा करीब 35 वर्षों से काबीज 77 दुकानदारों के अतिक्रमणों को उक्त स्थल से हटाया गया था। राज्य सरकार की पुनर्वास योजना के तहत उनमें से करीब 21 दुकानदार आज भी आंवटन के लिए टकटकी लगाए बैठे हैं लेकिन प्रशासनिक अनदेखी के चलते उक्त स्थान पर फल सब्जी रेहड़ी संचालकों ने कब्जा जमा लिया है।
पूर्व में भी कई बार इस समस्या को अखबारों ,सोशल मीडिया, अधिकारयों वार्ड मेम्बर एवं पालिका प्रशासन को भी लिखित एवं मौखिक माध्यम से बताया जा चूका है | पालिका ने करोडों रूपये स्वच्छता और सोंदर्यकरण के नाम खर्च किये, सड़के बनवाई,रेलिंग लगवाई,रंग रोंगन भी करवाया , डीवाइडर बनवाया और उसमें पौधे भी लगवाए, कुछ संस्थायों ने अपने पैसों से सर्किल भी बनवाए जो कस्बे के सोंदर्यकरण में चार चाँद लगा रहे है परन्तु नगरपालिका कि उदासीनता कहे या इच्छा शक्ति का अभाव किया गया कार्य सारा का सारा जीरो हो रहा है |पालिका चेयरमन टिकट लाने की होड़ में व्यस्त है तो अन्य चुनाव महोत्सव कि तैयारी में | अभी भी समय रहते सब कुछ सही हो सकता है बशर्ते अपना स्वार्थ त्याग कर सही कार्य किया जाये |

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