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गोष्ठी में कवियों ने कविताओं के माध्यम से राखी के महत्व का दिया संदेश

पीलीबंगा| अखिल भारतीय साहित्य परिषद व श्री जय लक्ष्मी साहित्य कला एवं नाटक मंच के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को रक्षाबंधन पर्व पर एक काव्य गोष्ठी का आयोजन लतिका पारीक (अध्यक्ष, श्रीपति कन्या महाविद्यालय) की अध्यक्षता में किया गया। गोष्ठी के विशिष्ट अतिथि अशोक शर्मा थे। गोष्ठी में बलविंद्र भनौत ने 'राखी की अस्मत के लुटेरों को फांसी हैं' सुनाकर राखी पर अपने विचार कविता के माध्यम से पेश किए। कवि विजय बवेजा ने अपनी कविता 'अब तो रह गया राखी, नाम का बस त्योहार' पेश कर राखी त्यौहार की घटती महिमा पर विचार व्यक्त किए। मदन पारीक ने 'राखी पर आंगन में फिर बहनें मुस्कुराई' पेश की। निखिल बिश्रोई ने कविता 'अब तो सूना रहता है ये त्यौहार' पेश कर चिंता जताई। गजल गायक नवदीप भनौत ने 'बेटियां नहीं होगी तो राखी कौन बांधेगा' सुनाकर वाहवाही लूटी। गोष्ठी में राकेश वर्मा, प्रकाश बिश्नोई, सोहन लाल, रामचंद्र, हिमांशु मौजूद थे। इस अवसर पर नन्ही बच्चियों तनिशा, कुमकुम, जिया व रिदिमा आदि ने कवियों के राखी बांधी। गोष्ठी का संयोजन विजय बवेजा ने किया।

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