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नकली दूध से सर्वाधिक नुकसान गर्भवतियों के स्वास्थ्य पर...और पुलिस का हाल देखिए, धोखाधड़ी में दर्ज किया केस, मिलावट की धाराएं गायब

जिले के रावतसर क्षेत्र में सबसे ज्यादा दूध चिलिंग सेंटर हैं और इसी क्षेत्र में नकली दूध बनाने के बड़े नेटवर्क होने की बात सामने आ रही है। इस बीच आमजन को यह चिंता सता रही कि जो दूध वह पी रहे हैं, कहीं वह नकली तो नहीं है। हैरानी की बात है कि इस कार्रवाई में पुलिस ने खाद्य सुरक्षा अधिकारी को मौके पर बुलाना तो दूर कार्रवाई की सूचना तक नहीं दी। वहीं स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले इस गोरखधंधे पर पुलिस ने कार्रवाई तो की, लेकिन केस हल्की धाराओं में दर्ज किया है। विधि विशेषज्ञों का कहना है कि इस केस में खाद्य अपमिश्रण अधिनियम एवं फूड एंड अल्ट्रेशन एक्ट के तहत केस दर्ज होना चाहिए था लेकिन पुलिस ने यह धाराएं जोड़ी ही नहीं। वहीं पुलिस का कहना है कि फिलहाल आमजन से धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। जांच में इसकी पुष्टि होने पर इसमें संबंधित धाराएं जोड़ी जाएंगी। मामले की गहनता से जांच की जा रही है। इस बीच आरोपी के पुलिस गिरफ्त से दूर होने पर सामाजिक संगठनों में विरोध के स्वर मुखर होने लगे है। नागरिकों का कहना है कि प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। रावतसर क्षेत्र में करीब 10-12 दूध चिलिंग सेंटर संचालित है। इन चिलिंग सेंटरों से प्रदेश के साथ पड़ोसी राज्यों में भी दूध की सप्लाई हो रही है। नामी कंपनियों के चिलिंग सेंटर भी यहां चल रहे हैं। ऐसे में यहां पर नकली दूध के नेटवर्क के कारण दूध की क्वालिटी पर सवाल उठने लगे हैं।  रामदेव मंदिर के पास पकड़ी गई पिकअप जीप में मिली डायरी व रजिस्टर में दर्ज नाम पतों के आधार पर पुलिस छानबीन जारी है। पुलिस दस्तावेजों में मिले पतों के आधार पर श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिले एवं पड़ोसी राज्यों में जांच पड़ताल कर रही है। 
पीलीबंगा कस्बे के आसपास भी संचालित चिलिंग सेंटर व दूध डेयरियों पर प्रतिदिन लाखों लीटर दूध विक्रय किया जा रहा है। खास बात है कि इन डेयरियों पर उपलब्ध दूध पशुधन से मिलने वाले दूध की अपेक्षा कई गुना अधिक है। इस काले कारोबार की अवैध कमाई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि करीब आठ साल पहले बाइक पर दूध बेचने वाला एक शख्स करोड़ों के वारे-न्यारे कर रहा है। पहले गिनी-चुनी दूध डेयरियां होती थी पर अब जहां देखो वहां दूध डेयरियां ही नजर आती है। रातोंरात अमीर बनने का ख्वाब पालने वाले लोग मानव जीवन को संकट में डाल रहे हैं। 

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