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ट्रेनों के डिब्बों पर सौर पैनल लगाने का काम शुरू, 15 यूनिट बिजली बनेगी

ट्रेनों में गैरवातानुकूलित डिब्बों पर अब फ्लेक्सिबल सौर पीवी पैनल लगाए जा रहे हैं। डिब्बों में पंखे, लाइट व मोबाइल चार्जर प्वाइंट इससे जोड़े जाएंगे। रेलवे बोर्ड के सदस्य, चल स्टॉक रविन्द्र गुप्ता ने गुरुवार को सफदरजंग रेलवे स्टेशन नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में पहले ऐसे गैरवातानुकूलित यात्रा डिब्बे का उद्घाटन किया। इसकी छत पर फ्लेक्सिबल सौर पीवी पैनल लगाए गए हैं। रेलवे डिब्बों पर सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए आईआरओएएफ ने पिछले वर्ष डीईएमयू रेलगाड़ी के 6 ट्रेलर कोचों पर परंपरागत पीवी सोलर पैनल लगाए थे। डीईएमयू रेलगाडिय़ों के मामलों में, सोलर पीवी पैनलों के माध्यम से होने वाली अनुमानित बचत, उच्च गति के डीजल की खपत में कमी के कारण डिब्बों की 25 वर्ष की आयु के दौरान प्रति गाड़ी 3 करोड़ रुपये तक होगी। इस दौरान कार्बन के उत्सर्जन में प्रति गाड़ी 1350 टन की कमी होगी। ऐसी उम्मीद की जाती है कि ऐसे प्रत्येक डिब्बे से प्रतिदिन 15 से 20 यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। इस डिब्बों पर लगाए गए सौर पैनलों का कुल भार लगभग 120 किलोग्राम है। विद्युत उत्पादन सुविधा के साथ-साथ यह डिब्बे सेंसर से भी युक्त हैं। पैनलों पर सौर विकिरण, उनसे उत्पन्न होने वाले कम्पन, सौर वोल्टेज और करंट, कोच-रैक द्वारा सौर ऊर्जा उत्पादन, सापेक्ष आर्द्रता, तापमान, रेलगाड़ी और हवा की गति, भौगोलिक सूचना (अक्षांश-देशांतर और ऊंचाई), तिथि और समय भी प्रदर्शित करता है।

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