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मुख्य मार्गों पर नालों की सफाई के नाम पर चबूतरे तोड़ने का विरोध, लोगों ने बेमियादी धरना लगाया


पालिका प्रशासन द्वारा विगत कई दिनों से कस्बे की मुख्य सड़कों के किनारे स्थित नालों की सफाई करने के नाम पर अपनाए जा रहे तानाशाह रवैये के विरुद्ध बुधवार को आखिरकार कस्बे के दुकानदारों का आक्रोश फूट पड़ा। इस प्रक्रिया के तहत पालिका पर पक्षपात व जातिपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए खरलियां रोड के दुकानदारों ने बुधवार को पालिका प्रशासन के विरुद्ध खरलियां रोड पर ही अनिश्चितकालीन धरना प्रारंभ कर दिया। दुकानदारों के अनुसार जब तक पालिका प्रशासन उन्हें नुकसान का मुआवजा नहीं देता और तानाशाही बंद नहीं करता तब तक उनका धरना जारी रहेगा। 

पालिका प्रशासन पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप, हाथापाई की आई नौबत 
इससे पूर्व बुधवार सुबह चबूतरों को तोडऩे आए पालिका कर्मचारियों द्वारा भेदभावपूर्ण तानाशाह रवैया अपनाने से आक्रोशित दुकानदारों ने उनका विरोध किया तो कार्यवाहक सफाई निरीक्षक पालाराम झाझडिय़ा की उनके साथ तीखी झड़प हो गई। झड़प इतनी बढ़ गई कि हाथापाई तक की नौबत आ गई। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने भी पालिका कर्मचारियों का साथ देते हुए दुकानदारों से दुर्व्यवहार किया। जिससे दुकानदारों में आक्रोश फैल गया। आक्रोशित दुकानदार रामकुमार सारस्वत, प्रेम नाहटा, अशोक धमीजा, नीरज मरेजा, संपत जैन आदि ने बताया कि पुलिस को मौके पर दोनों पक्षों की समझाईश करते हुए मामले को शांत करना चाहिए था परंतु पुलिसकर्मी भी पालिकाकर्मियों के साथ दुकानदारों के साथ गाली-गलौच व हाथापाई करते हुए अभद्रता से पेश आए। इसके बाद दुकानदारों ने इस प्रकरण की सूचना विधायक द्रोपती मेघवाल को फोन पर देते हुए उन्हें मामले में कार्रवाई करवाने की मांग की तथा ईओ पूजा शर्मा से मुलाकात कर उन्हें वस्तुस्थिति के बारे में बताया। ईओ ने कार्यवाहक सफाई निरीक्षक को इस व्यवहार के लिए लताड़ भी लगाई। दुकानदारों का आरोप है कि पालिका प्रशासन द्वारा पालिका में रिक्त पड़े सफाई निरीक्षक के पद पर अस्थाई रूप से नियुक्त किए गए सफाई निरीक्षक पालाराम झाझडिय़ा आमजन से दुव्र्यवहार करते हैं। 
"लोगों का पालिका प्रशासन के साथ विवाद ना हो इसके लिए मौके पर और जाब्ता भिजवा दिया गया था। पुलिसकर्मी द्वारा नागरिकों के साथ अभद्रता की गई है तो इसकी जांच करवा ली जाएगी।" विष्णु खत्री, थाना प्रभारी, पीलीबंगा। 
"पालिका द्वारा नालों की सफाई करने के लिए चबूतरों को हटाया जाना आवश्यक है। भविष्य में नागरिकों के साथ विवाद की स्थिति उत्पन्न ना हो इसके लिए कार्यवाहक सफाई निरीक्षक को पाबंद कर दिया गया है।" पूजा शर्मा, ईओ, नगरपालिका पीलीबंगा।

नाले की सफाई के नाम पर जगह जगह गंदगी के ढेर लग गए है , करोडों रुपये खर्च करके पीलीबंगा को साफ सुथरा रखने की कोशिश कुछ कुछ वेसी हो रही है एक गड्डा खोद रहा है दूसरा उसके पीछे वापस मिट्टी डालता जा रहा है | नगरपालिका का काम नागरिकों को साफ सुथरी व्यवस्था देने का काम है , लेकिन घरों-दुकानों की नीव से सटते हुए खुली नालियों तथा रिहाहिश इलाकों में खुले नाले दुर्घटना को आमंत्रित करने वाले काम कर रही है | घर या दुकानों के मुख्य दरवाजों के ठीक सामने खुले नाले की व्यवस्था देकर नगरपालिका किस तरीके की वाही -वाही लेना चाहती है समझ से परे है और ऊपर से सफाई निरीक्षक को बिना पब्लिक डीलिंग की ट्रेनिंग के बिना उसको सफाई व्यवस्था देना कहा बुद्धिमानी का काम है ?
नगरपालिका का कहना है की लोगो की गलती है नाले के ऊपर अपनी मर्जी से निर्माण करवा रखा है , ये बात सही हो सकती है परन्तु ये पक्का है कि नालो की सफाई के अनेक तरीके है , नगरपालिका को शहरीकरण में नाली व्यवस्था की ट्रेनिंग की आवश्यकता लग रही है |

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