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काव्य गोष्ठी...कविताएं सुनाकर बेटियों को बचाने का किया आह्वान

पीलीबंगा| अखिल भारतीय साहित्य परिषद व श्रीजय लक्ष्मी साहित्य कला एवं नाटक मंच के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को मंच के कला भवन में काव्य गोष्ठी हुई। अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार निशांत ने की। गोष्ठी में कवि बलविंद्र भनौत ने कविता 'लड़की गीतों में तेरी सीरत की बात नहीं होती पेश कर माहौल को खुशनुमा बनाया। विजय बवेजा ने नवरात्रा पर्व पर अपनी कविता खुशनसीब हूं मैं, जो सिर पर हैं मां बाप का साया पेश कर माता पिता की महिमा को कविता के माध्यम से पेश किया। कवि निखिल बिश्नोई ने बचालो बेटियां अपनी, पड़ेगा तड़पना फिर क्या कविता सुनाकर बेटियों की पीड़ा पर करारा व्यंग्य किया। कवि निशांत ने अपनी कविताएं 'बहादुर बनो व 'लोकतंत्र की कीमत सिखाओ' पेश कर राजनीति पर कड़ा प्रहार किया। लोकेश चाहर ने जीतेंगे जो अब भी जिद् पर अड़े हुए हैं सुनाकर वाहवाही लूटी। गोष्ठी में मदन पारीक, प्रकाश बिश्नोई, ओमप्रकाश कोलाया, सोहनलाल, चंद्रभान स्वामी, मदन पारीक, सुखविंद्र शर्मा व अनुराग बवेजा आदि मौजूद थे। गोष्ठी का संयोजन नवदीप भनौत ने किया। 

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