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संविधान एवं आरक्षण से खिलवाड़ के विरोधस्वरूप दो अप्रैल को संपूर्ण पीलीबंगा बंद एवं चक्काजाम की घोषणा

पीलीबंगा: संविधान से छेड़छाड़ एवं एससी/एसटी एक्ट को निष्प्रभावी किए जाने के विरोध में 2 अप्रैल सोमवार को प्रस्तावित भारत बंद के आह्वान के तहत तहसील क्षेत्र के समस्त गांवों से आए हुए दलित समाज के प्रतिनिधियों की एक बैठक शुक्रवार को अंबेडकर भवन में हुई। वक्ताओं ने सरकार द्वारा कोर्ट में न्यायसंगत पक्ष नहीं रखकर समस्त एससी/एसटी के हकों के साथ कुठाराघात करने की कड़ी भर्त्सना की तथा संविधान एवं आरक्षण से खिलवाड़ को संपूर्ण समाज के साथ अन्याय करने पर विरोधस्वरूप 2 अप्रैल को संपूर्ण पीलीबंगा बंद एवं चक्काजाम की घोषणा की गई। बैठक को पालिकाध्यक्ष राजकुमार फंडा, माकपा के मनीराम मेघवाल, पंचायत समिति की पूर्व प्रधान कमला मेघवाल, सूरजप्रकाश डाबला, मेवाराम कालवा, सुखराम मेहरड़ा, सुशील कुमार, सुभाष बारोलिया, सूरजाराम कालवा, आत्मप्रकाश बालान, राकेश जाखड़ांवाली, ओमप्रकाश कालवा, रामजस मेहरड़ा व निर्मल प्रकाश लुगरिया आदि ने संबोधित किया। बैठक में भारत बंद एससी-एसटी संयुक्त संघर्ष समिति का गठन करते हुए मनीराम मेघवाल को संयोजक नियुक्त किया गया। इसके साथ राजकुमार फंडा, पार्षद ललिता आसेरी, पवन किरोड़ीवाल, अशोक चालिया, चानणराम, कमला मेघवाल, बलवीर कुमार, मिठ्ठू सिंह सहित 25 सदस्यों की समिति गठित की गई। समिति के अनुसार आज शनिवार शाम को बैठक कर विशाल जुलूस निकाला जाएगा। डीएसएमएम के जिलाध्यक्ष मनीराम मेघवाल ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान एससी/एसटी व ओबीसी एक्ट 1989 जो कि 30 जनवरी 1990 को लागू किया गया था, को यथावत रखने एवं केंद्र सरकार को इस संबंध में पुन: विचार याचिका लगाने तथा भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर व उसके साथियों की रिहाई की मांग की जाएगी। मेघवाल ने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी सामाजिक समानता नहीं आई है।

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