Header Ads

test

गलत डाटा फीडिंग को लेकर सख्त शिक्षा विभाग, संस्था प्रधानों से लेंगे शपथ पत्र


हनुमानगढ़ जिले के सरकारी स्कूलों ने शाला दर्पण पोर्टल पर भौतिक सुविधाओं से लेकर नामांकन तक की गलत सूचनाएं अपलोड कर दी हैं। विभाग की ओर से बार-बार नोटिस दिए जाने के बावजूद सही सूचनाएं अपडेट नहीं करने के चलते अब संस्था प्रधानों से शाला दर्पण पोर्टल पर अपलोड सूचनाओं के सही होने के शपथ पत्र लिए जाएंगे। संस्था प्रधानों को तुरंत सूचनाएं अपडेट कर दस जनवरी तक निर्धारित फॉरमेट में शपथ पत्र डीईओ कार्यालय में जमा करवाने के निर्देश दिए गए हैं। उधर, डीईओ को भी अपने क्षेत्र के सभी स्कूलों के डाटा का सही होने का शपथ पत्र निदेशालय को भिजवाना होगा। यह कार्रवाई 13 जनवरी तक पूरी की जाएगी। 
विभागीययोजनाएं होती हैं प्रभावित : शालादर्पण पोर्टल के आधार पर ही शिक्षा विभाग की अधिकांश योजनाएं तय होती हैं। रिक्त पदों की जानकारी, स्कूलों में कक्षा कक्ष मूलभूत सुविधाओं की जरूरत भी शाला दर्पण पोर्टल पर दर्ज डाटा के अनुसार ही निर्धारित होती हैं। इसके अलावा स्कूलों की परफाॅरमेंस का भी शाला दर्पण पोर्टल के डाटा से ही पता लगता है। स्कूलों की ओर से नामांकन के लिए किए गए प्रयासों नामांकन की सूचना भी शाला दर्पण से ही तय होती है। कई स्कूलों की ओर से जानबूझकर डाटा की गलत फीडिंग की जा रही है तो कई जगह जानकारी के अभाव में भी सूचनाएं गलत फीड हो रही हैं। इसके समाधान के लिए विभाग की ओर से कई बार संस्था प्रधानों को बताया भी गया लेकिन कोई असर नहीं हुआ। एडीईओ माध्यमिक रणवीर शर्मा ने बताया कि शाला दर्पण पर डाटा सही अपलोड नहीं होने के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। भौतिक सत्यापन के दौरान भी अधिकांश स्कूलों की सूचनाओं वास्तविक स्थिति में अंतर पाया गया है। इसे ठीक करने के लिए संस्था प्रधानों से शपथ पत्र लिया जा रहा है। दस जनवरी तक शपथ पत्र जमा नहीं करवाने पर संबंधित संस्था प्रधान के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 
भौतिक सत्यापन में झूठ पकड़े जाने के बावजूद नहीं किया अपडेशन 
सरकारीस्कूलों में शाला दर्पण पर अपडेट हुए आंकड़ों का मिलान करने के लिए सौ से अधिक स्कूलों में भौतिक सत्यापन किया गया था। इस दौरान करीब-करीब सभी स्कूलों में फीड किए गए डाटा में अंतर सामने आया था। संबंधित स्कूलों को शाला दर्पण पोर्टल से टिकट जारी कर डाटा रिन्यू करने के निर्देश दिए गए। इसके बावजूद स्कूलों ने डाटा अपडेट नहीं किया। सत्यापन से वंचित रहे स्कूलों की ओर से अपलोड किए गए डाटा में ऐसी ही स्थिति सामने आने की संभावना है। यही वजह है कि विभाग ने सख्ती दिखाते हुए संस्था प्रधानों निर्धारित फाॅरमेट में शपथ पत्र लेने का निर्णय लिया है। 

No comments