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डेंगू से व्यक्ति की मौत, बीसीएमओ सीएचसी प्रभारी बोले-किसकी हुई, इस बारे में पता नहीं

पीलीबंगा : क्षेत्र में पिछले कुछ माह से लगातार बढ़ रहे डेंगू के प्रकोप के तहत सोमवार को आखिरकार कस्बे के वार्ड 1 (लखूवाली) में एक व्यक्ति की डेंगू के कारण मौत हो गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार वार्ड 1 निवासी सोमीलाल उर्फ सोमा (42) पुत्र रामचंद्र को दो दिन पूर्व ही डेंगू हो जाने पर उसके परिजनों ने उसे श्रीगंगानगर के एक अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया। जहां उसके खून में प्लेटलेट्स अत्यधिक कम होने पर उसे प्लेटलेट्स भी चढ़ाए गए। परंतु उसकी हालत में सुधार नहीं होने के कारण उसे जयपुर रेफर कर दिया गया। सोमवार को ही उसकी मौत हो गई। जिसका सोमवार शाम को गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। उल्लेखनीय है कि पीलीबंगा कस्बे सहित आसपास के गांवों में डेंगू का प्रकोप पूरी तरह से पैर पसार चुका है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग इस गंभीर महामारी को लेकर सजग नहीं है। विभाग द्वारा डेंगू रोगी की मीडिया अथवा अन्य स्त्रोतों से जानकारी मिलने पर ही रोगी के परिजनों मोहल्लेवालों की सुध ली जाती है। गौरतलब है कि अब तक पीलीबंगा क्षेत्र में सैकड़ों लोग डेंगू की चपेट में चुके हैं। परंतु विभागों के आंकड़ों के मुताबिक क्षेत्र में डेंगू का एक भी रोगी नहीं मिला है। 

विभागीय नियम| एलाइजा टेस्ट पॉजीटिव आने पर ही माना जाता है रोगी को डेंगू पीड़ित 
बीसीएमओ डॉ. संदीप तनेजा ने बताया कि विभागीय नियमों के अनुसार एलाइजा टेस्ट पॉजीटिव आने वाले रोगी को ही डेंगू पीड़ित माना जाता है। विभाग के पास एलाइजा टेस्ट पॉजीटिव मरीज अभी तक कोई नहीं आया है। इसके अलावा पीलीबंगा सीएचसी में एलाइजा टेस्ट जांच की सुविधा भी नहीं है। इस कारण एलाइजा टेस्ट करवाने के लिए पीडि़तों को हनुमानगढ़ जिला अस्पताल जाना पड़ता है। सोमवार शाम को मौत मामले में पूछे जाने पर बीसीएमओ डॉ. संदीप तनेजा सीएचसी प्रभारी डॉ. हरिओम बंसल ने डेंगू से मौत हो जाने के मामले के बारे में जानकारी नहीं होने की बात कही। उन्होंने बताया कि मंगलवार को मृतक के घर विभाग की टीम भेजकर सभी परिजनों के ब्लड सैंपल लेकर पूरे मोहल्ले में फोगिंग एमएलओ का छिड़काव करवाया जाएगा। 

डेंगू से बचाव के लिए ये करें... 


  • पानी की लीकेज को तुरंत बंद करें अौर अपने घर में गंदगी फैलने दें। 
  • पूरे बाजू के कपड़े पहनें। 
  • गमलों अौर अन्य पोट में भी पानी जमा नहीं होने दें। 
  • कूलर के पानी को हफ्ते में 2 बार बदलें। 
  • छतों पर पड़े कबाड़, जिसमें पानी जमा हो सकता है, को तुरंत हटा दें। 
  • घरों के अंदर या आसपास पानी जमा नहीं होने दें। 

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