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गांवों में ढूंढते रहे, घर में बनी डिग्गी में ही मिला चार दिन से लापता बच्चे का शव

पीलीबंगा : लिखमीसर चार दिन पहले घर से लापता गांव खरलियां के एक मंदबुद्धि बालक की लाश रविवार दोपहर को घर की ही पेयजल डिग्गी में तैरती हुई मिली। पुलिस जानकारी के अनुसार देवेंद्र उर्फ पिंद्र पुत्र सतनामसिंह सैनी (11) निवासी खरलियां गुरुवार को घर के पास ही एक निजी स्कूल में पढ़ने के लिए गया था। दोपहर में वह किसी काम से अपने घर आया तथा अपनी माता से पैसे लेकर दुकान से सामान लेने चला गया उसके बाद वह तो घर वापस आया और ही स्कूल गया। इस पर परिजनों ने उसकी गांव में तथा आस-पड़ौस में शाम तक छानबीन की। मगर उसका कहीं पता नहीं चला। इतना ही नहीं पिछले चार दिन से उसकी नजदीकी गांवों तथा रिश्तेदारियों में परिजन जगह-जगह तलाश करते रहे है, लेकिन बालक का कोई पता नहीं चला है। 

रविवार को घर की महिला डिग्गी से पानी निकाल रही थी कि उसे बालक की लाश तैरती दिखाई दी इस पर उसने परिजनों का सूचना दी तो लाश को बाहर निकाला गया। मृत बालक के शव का पीलीबंगा स्थित सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाया गया। घटना को लेकर बालक के चाचा गुरपालसिंह ने शनिवार देर शाम पीलीबंगा पुलिस थाना में एक परिवाद दायर कर कहा था कि मेरे भतीजे को कोई अज्ञात व्यक्ति बहला-फुसलाकर अपहरण कर ले गया है। 
परिवारका इकलौता बेटा, सूचना पर पिता कुवैत से आया, रो-रोकर बुरा हाल 
बालकके पिता सतनामसिंह को गुमशुदगी को लेकर परिजनों ने फोन से सूचना दे दी थी जिस पर वह शुक्रवार को ही कुवैत से रवाना हो गया था। लेकिन रविवार दोपहर को वह यहां पहुंचा तो श्मशान भूमि में इकलौते बेटे की लाश देखकर बुरी तरह से पसीज गया। परिजनों ने बताया कि बालक मंदबुद्धि था तथा उसे मिरगी के दौर भी आते थे। दोपहर बाद बालक का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया। घटना को लेकर परिजनों के साथ बालक की मां तथा उसकी छोटी बहन जो गुरुसर मोडिया स्थित शाह सतनामसिंह बालिका स्कूल में हॉस्टल में रहकर अध्ययनरत है का रो-रो कर बुरा हाल था। 


परिजन तीन दिन तक सयानों के चक्कर में बच्चे को ढूंढते रहे 
घटना से पीड़ित परिजनों ने येन-केन तरीके से बालक का पता लगाने का प्रयास किया, वहीं नजदीकी रिश्तेदारियों तथा आसपास के गांवों में भी पड़ताल की। वहीं आज विज्ञान के युग में भी वे तीन दिन तक टोने-टोटके करने वाले तथा सयानों के चक्कर में आकर बालक की तलाश में घूमते रहे। सयानों ने परिजनों को चक्कर में डालते हुए कहा कि बालक रात नौ बजे अपने आप घर जाएगा तो दूसरे ने हांसलिया गांव में किसी के घर होना बताया। जिस पर रविवार सुबह परिजन गाड़ी लेकर वहां भी पहुंच गए लेकिन बालक नहीं मिला। परिजन बालक की तलाश के लिए तीन दिन सूरतगढ़ तहसील के गांव संघर तथा पदमपुर तहसील के चक 26 बीबी तथा 63 एलएनपी में रहने वाले सयानों के चक्कर में घूमते रहे। लेकिन नतीजा शून्य निकला। 
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