निरंकारी सत्संग भवन में संत समागम आयोजित
पीलीबंगा : ब्रह्मज्ञानीपुरुषों की जुबान सदा ज्ञान की वर्षा करती है। यह बात निरंकारी मिशन के प्रबुद्ध विचारक संत साधुराम निरंकारी ने रविवार को निरंकारी सत्संग भवन में आयोजित संत समागम में कही। उन्होंने फरमाया कि सत्संग से जीवन में निखार आता है। महापुरुष ज्यों ज्यों सत्संग करता है, उसका जीवन बदलता जाता है। संत ने आगे कहा कि इंसान अभिमानी बने रहने की वजह से कुछ भी नहीं सीख पाता और ही ऊंचाइयों को छू पाता है। ऊंचाई तक वह पहुंच पाता है, जो झुकना जानता है। ज्ञान ले लेना ही पर्याप्त नहीं है, ज्ञान के अनुसार कार्य करना भी जरूरी है। जैसे तेज हवा चट्टान का कुछ नहीं बिगाड़ सकती वैसे ही यश अपयश संत की सहजता को कम नहीं कर सकते। अगर हम दूसरों से प्यार, सत्कार, सेवा हमदर्दी का व्यवहार चाहते हैं तो हमें भी दूसरों से प्रेम नम्रतापूर्वक व्यवहार करना होगा, मीठी भाषा बोलनी होगी अपनेपन का अहसास दिलाना होगा। संत ने कहा कि यदि नफरत ही करनी है तो बुराई से करें, सच्चाई से सदैव जुड़े रहें। जो सत्य मार्ग के ज्ञानी हैं, उनके साथ जुड़कर जीवन में आनंद प्राप्त करें। संत ने कहा कि गुरुसिख संसार में अतिथि की भांति रहता है। वस्तुओं सुख सुविधाओं का इस्तेमाल तो करता है परंतु इनमें लिप्त नहीं होता। संत समागम को बहन दर्शना, माया डबली, नत्थूराम, पूजा अराइयांवाली, चंद्रपकाश कालड़ा, महेंद्र आदि ने संबोधित किया।
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