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पीलीबंगा बंद रहा, शव के साथ धरना दिया, रात 9 बजे प्रभारी को एपीओ करने पर सुलझा विवाद

पीलीबंगा |कस्बे के सरकारी अस्पताल में सोमवार शाम को उपचार के लिए अपने परिजनों के साथ आई महिला मुगनी देवी की गंभीर हालत होने के बावजूद अस्पताल स्टाफ द्वारा उसकी देखरेख नहीं किए जाने से उसकी मौत हो जाने का मामला दूसरे दिन भी सुलझ नहीं पाया। प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े रहे और शव के साथ अस्पताल के आगे धरना लगाए रखा। महिला की मौत का मामला तीसरे दौर की वार्ता में सुलझ गया। रात 9 बजे व्यापार मंडल कार्यालय में कलेक्टर ज्ञानाराम एसपी भवनभूषण यादव की मध्यस्थता में अस्पताल प्रभारी को हटाने मुआवजे के लिए सरकार को लिखित में भेजने पर सहमति कलेक्टर ने जताई तब जाकर धरना समाप्त हुआ और बुधवार सुबह अंतिम संस्कार किया जाएगा। 
इससे पहले मंगलवार को अस्पताल के सामने का सड़क मार्ग बंद कर धरना प्रदर्शन करते हुए पूरे कस्बे शिक्षण संस्थाओं को बंद करवाया। दुकानें पूरा दिन बंद रहने के कारण बाजार में सन्नाटा पसरा रहा। बंद के दौरान कुछ स्थानों पर युवा प्रदर्शनकारियों की दुकानदारों से हल्की झड़प भी हुई परंतु बंद पूर्णतया सफल रहा। 
इसके बाद माहौल गर्माता देख एडीएम भागीरथ शर्मा, एएसपी निर्मला बिश्नोई, एडीशनल सीएमएचओ डॉ. विक्रम सिंह द्वारा पीलीबंगा पहुंचकर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में व्यापार मंडल कार्यालय के सभागार में व्यापार मंडल सहित अन्य विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों की उपस्थिति में प्रदर्शनकारियों पीडि़ता के परिजनों के साथ लंबी वार्ता की गई परंतु पहले दौर की वार्ता विफल रही। वहीं आयोजित सभा में यूथ कांग्रेस के लोकसभा क्षेत्र अध्यक्ष विनोद गोठवाल, पूर्व पालिकाध्यक्ष गंगाराम खटीक आदि ने एकजुट होकर आंदोलन करने का आह्वान किया। 
पहले दौर - मुआवजे की लिखित गारंटी पर बिगड़ी बात 
मुआवजेको लेकर की गई लिखित मांग पर कलेक्टर से निर्देश लेकर एडीएम ने पीड़ित परिवार को मुआवजे के रूप में पांच लाख रुपए की राशि दिलवाने की सिफारिश राज्य सरकार को तुरंत भिजवाने एवं स्टाफ को एपीओ करने की बात करते हुए उनसे मृतका के शव का अंतिम संस्कार करवाकर धरना समाप्त करने का आग्रह किया परंतु प्रदर्शनकारी नहीं माने। 
दूसरा दौर - मुआवजे पर राजी हुए तो एपीओ के इंकार से फिर गर्माया 
दूसरेदौर की वार्ता करते हुए पीडि़त परिवार को एक लाख रुपए नकदी देने की गारंटी लेने पांच लाख रुपए की अनुशंषा प्रशासन द्वारा भिजवाए जाने का प्रस्ताव रखा। प्रदर्शनकारी राजी हो गए। परंतु इसी बीच सीएमएचओ ने नियमों का हवाला देते हुए छुट्टी पर गए प्रभारी अधिकारी डॉ. हरिओम बंसल को एपीओ करने से इंकार कर दिया। जिससे माहौल पुन: गर्मा गया। 
तीसरा दौर - कलेक्टर के हस्तक्षेप से बन पाई सहमति, धरना समाप्त 
कलेक्टरने वार्ता में मौजूद सीएमएचओ डॉ. प्रीत मोहिंदर सिंह से वार्ता कर उन्हें अ्पताल के प्रभारी अधिकारी डॉ. हरिओम बंसल से प्रभारी अधिकारी का चार्ज तुरंत प्रभाव से लेने के निर्देश दिए। आगामी आदेशों तक डबलीराठान में कार्यरत डॉ. मनीष वर्मा को पीलीबंगा अस्पताल का प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया। मुआवजा के लिए कलेक्टर ने राज्य सरकार को सिफारिश भेजने का भरोसा दिलाया। 

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