Header Ads

test

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 15 जुलाई से लागू

सिर्फ दो प्रतिशत प्रीमियम देना होगा किसानों को 
बहुप्रतिक्षित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना आगामी 15 जुलाई से प्रदेश में लागू कर दी जाएगी। इससे करीब 25 लाख किसानों को फायदा होगा। योजना के तहत गैर वाणिज्यिक एवं उद्यानिकी फसलों के लिए कुल बीमा राशि का महज दो प्रतिशत प्रीमियम ही किसानों को देना होगा। वाणिज्यिक फसलों के लिए प्रीमियम की राशि 5 फीसदी देय होगी। इस संबंध में कृषि विभाग ने बीमा कंपनियों को आमंत्रित किया है। 
कृषि विभाग का कहना है कि अब तक फसल बीमा योजनाओं में किसानों को पांच से 11 प्रतिशत तक प्रीमियम राशि जमा करवानी पड़ती थी, लेकिन प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत सिर्फ दो प्रतिशत राशि चुकानी होगी। 
2 हजार रुपए में एक लाख का फसल बीमा : कृषिविभाग के अनुसार एक लाख के फसल बीमा पर 22 प्रतिशत की प्रीमियम राशि बीमा कंपनी को दी जाएगी। इसमें किसान को दो प्रतिशत के हिसाब से दो हजार रुपए प्रीमियम राशि देनी होगी। प्रीमियम की शेष 20 प्रतिशत राशि यानी 20 हजार रुपए सरकार की ओर से दिए जाएंगे। कृषि विभाग के आग्रह पर वित्त विभाग ने बीमा प्रीमियम राशि के लिए 1700 करोड़ रुपए देने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। 
प्रदेश के 25 लाख किसानों को फायदा मिलेगा 
प्राकृतिक आपदा के कारण बीमित किसान खेत में बुवाई नहीं कर पाता तो भी यह जोखिम में शामिल होगा, उसे नियमानुसार दावा राशि मिल सकेगी। फसल कटने के 14 दिन तक यदि फसल खेत में है और उस दौरान कोई आपदा जाती है तो भी किसानों को दावा राशि प्राप्त हो सकेगी 
ओलावृष्टि, जलभराव और जैसी आपदाओं को स्थानीय आपदा माना जाएगा। पुरानी योजनाओं के अंतर्गत यदि किसान के खेत में जल भराव (पानी में डूब) हो जाता तो किसान को मिलने वाली दावा राशि इस पर निर्भर करती कि यूनिट आफ इंश्योरेंस (गांव या गांवों के समूह) में कुल नुकसान कितना है। इस कारण कई बार नदी नाले के किनारे या निचले स्थल में स्थित खेतों में नुकसान के बावजूद किसानों को दावा राशि प्राप्त नहीं होती थी। 
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में इसे स्थानीय हानि मानकर केवल प्रभावित किसानों का सर्वे कर उन्हें दावा राशि प्रदान की जाएगी। 

No comments