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आध्यात्मिक आराधना ही है जीवन की अनुपम निधि : साध्वी लक्ष्मी कुमारी

पीलीबंगा| शांतिदूतआचार्य महाश्रमण की सुशिष्या साध्वी लक्ष्मी कुमारी ने अपनी सहवर्तनीों के साथ रविवार को चातुर्मास हेतु जैन भवन में मंगल प्रवेश किया। तेरापंथी सभा, तेरापंथ महिला मंडल एवं तेरापंथ युवक परिषद के सदस्यों द्वारा आचार्य महाश्रमण के जयघोष एवं मंगलगीतों के संज्ञान के साथ जुलूस के रूप में साध्वी वृंद का स्वागत किया गया। जुलूस प्रदीप दफ्तरी के निवास के प्रारंभ होकर कस्बे के मुख्य बाजार से होता हुआ जैन भवन पहुंचा। जैन भवन में साध्वी का स्वागत कार्यक्रम आयोजित किया गया। साध्वी लक्ष्मी कुमारी ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि संतों का स्वागत त्याग संयम की आराधना से होता है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक आराधना ही जीवन की अनुपम निधि है। उसको सुरक्षित रखना बहुत जरूरी है। साध्वी अतुलयशा ने गीतिका प्रस्तुत करते हुए श्रावकों से अधिकाधिक ज्ञान प्राप्त करने की अपील की। इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरूआत प्रीति डाकलिया के मंगलाचरण से हुई। कार्यक्रम में तेरापंथ सभा अध्यक्ष डूंगरमल दुग्गड़, अणुव्रत समिति एवं नगरपालिका उपाध्यक्ष कमलापति जैन, तेरापंथ महिला मंडल मंत्री सुशीला नाहटा, योग प्रशिक्षक ओमप्रकाश जैन, तेयुप मंत्री संजय डागा ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन तेरापंथ सभा के मंत्री देवेंद्र बांठिया ने किया। 

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