नशा सब बुराइयों की जड़ : आचार्य महाश्रमण
लिखमीसर. नशा सब बुराइयों की जड़ है। ऐसे में मनुष्य को इस लत से दूर रहने में ही भलाई है। नशा करो तो प्रेमभाव का। यह बात मंगलवार को तेरापंथ धर्मसंघ के 11 वें अधिशास्ता आचार्य महाश्रमण ने स्थानीय राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही। आचार्य ने आदमी को सदैव निर्मल भाव से रहने की सलाह देते हुए कहा कि मनुष्य को जीव-जंतुओं की रक्षा के साथ पर्यावरण के प्रति भी पूरी तरह से सजग रहना चाहिए। आचार्य महाश्रमण ने अणुव्रत के नियम को प्रत्येक मनुष्य को धारण करने की बात कही। आचार्य मंगलवार को स्थानीय राबाउमा विद्यालय में रात्रि प्रवास के बाद बुधवार सुबह श्रीगंगानगर जिले के गांव ढाबां झलार के लिए विहार करेंगे।
ग्रामीणों ने किया स्वागत: आचार्य महाश्रमण ने सुबह नौ बजकर २० मिनट पर गांव में प्रवेश किया। ऐसे में आचार्य की अगुवाई में जिला सरपंच एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष बलवीरसिंह सिद्धू, उपसरपंच रजनीश थापन, कमलेश खीचड़, अर्जित व सोनू मंडा, बंशीलाल दुग्गड़, सुरेंद्र गोदारा, साहिल, दलीप थापन व जयपाल थापन आदि सहित सैकड़ों ग्रामीणों व जैन धर्म के अनुयायी व साध्वियां मौजूद थीं।
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ग्रामीणों ने किया स्वागत: आचार्य महाश्रमण ने सुबह नौ बजकर २० मिनट पर गांव में प्रवेश किया। ऐसे में आचार्य की अगुवाई में जिला सरपंच एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष बलवीरसिंह सिद्धू, उपसरपंच रजनीश थापन, कमलेश खीचड़, अर्जित व सोनू मंडा, बंशीलाल दुग्गड़, सुरेंद्र गोदारा, साहिल, दलीप थापन व जयपाल थापन आदि सहित सैकड़ों ग्रामीणों व जैन धर्म के अनुयायी व साध्वियां मौजूद थीं।
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