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खौफ में अभिभावक, गांव में ही पढ़ाएंगे बच्चे : प्राइवेट स्कूल सोमवार को खुले

गांव अमरसिंहवाला इस घटना से सबसे ज्यादा खौफ में है। इस गांव से निवादान के ब्लोमिंग किड्स एकेडमी में आकर पढऩे वाले एक दर्जन से अधिक बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल खुलने के दिन ही मैनेजमेंट से प्रार्थना पत्र देकर टीसी देने के की मांग कर दी। प्रबंधक बसंत कुमार ने बताया कि गांव वालों ने बच्चों को गांव में पढ़ाने की बात कहते हुए बाल वाहिनियों पर बच्चों को भेजने से मना कर दिया है। 

गांव सूरांवाली-अमरसिंहवाला के समीप स्कूल बस एवं ट्रक के बीच हुए सड़क हादसे के बाद एक सप्ताह से बंद पड़े प्राइवेट स्कूल सोमवार को खुले वहीं सरस्वती उच्च माध्यमिक विद्यालय घटना के सातवें दिन भी बंद रहा। इस दर्दनाक घटना का असर स्कूल खुलने के पहले ही दिन विद्यालयों में देखने को मिला। बच्चोंं को लेकर अभिभावकों की चिंता भी स्पष्ट झलकती नजर आई। मंडी के अभिभावक भी खुद अपना साधन लेकर बच्चों को विद्यालय में छोडऩे पहुंचे। दूसरी तरफ स्कूल खुलने के बाद भी बाहर से आने वाले विद्यार्थियों की उपस्थिति कम रही। मिली जानकारी के अनुसार बाहर से मंडी में पढऩे के लिए आने वाले बच्चो की संख्या दो हजार से ऊपर है। वहीं प्राइवेट विद्यालय भी हादसे के बाद काफी सतर्क नजर आए। इक्का- दुक्का छोड़ सभी स्कूलों की बाल वाहिनियां नहीं चली। जीडी पब्लिक स्कूल के अमीचंद ने बताया कि बाल वाहिनियों के सभी कागजात पूरे कर एवं नियमों अनुरूप सभी सुविधाओं के बाद ही इन्हें चलाया जाएगा। गौरतलब है कि हादसे की घटना के बाद शोक स्वरूप एक सप्ताह से सभी प्राइवेट स्कूल बंद थे। 

 निवादान के जी.डी. पब्लिक उच्च माध्यमिक विद्यालय में गांव से आने वाले विद्यार्थियों की संख्या पांच सौ से अधिक है जबकि एक दर्जन विद्यार्थी ही विद्यालय में आए। यही स्थिति संत कबीर विद्यालय में रही, जहां पांच सौ विद्यार्थियों की संख्या पर आधे से ज्यादा विद्यार्थी गांवों से आते हैं। निदेशक अनिल धारणियां ने बताया कि 10 से बीस विद्यार्थी ही स्कूल आए हैं। इसी तरह बीकेसी, आस्था इंटरनेशनल, एच.आर विद्यालय में भी यही हाल रहा। 

अभिभावकों ने की जांच पड़ताल 
हादसे के बाद स्कूल खुलने के दिन अभिभावक भी काफी सतर्क नजर आए। अभिभावकों ने खुद स्कूली वाहनों की जांच की। अधिक क्षमता में बच्चे बैठाने वाली संत कबीर उच्च माध्यमिक विद्यालय की एक जीप को लोगों ने पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने इसको सीज कर दिया। इस जीप में 20 छात्र बैठे थे। विद्यालय प्रबंधन ने इस जीप को स्वयं की होने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि इस जीप में अभिभावक खुद बच्चों को छोडऩे आए थे जबकि ब्लोमिंग किड्स एकेडमी की दो गाडिय़ों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया । 


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