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बुजुर्गों को 500 रुपए पेंशन दो, नहीं तो लगेगा 5000 जुर्माना

पेंशन प्रकरणों का निस्तारण नहीं करने पर अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई, जिले के 5000 से अधिक बुजुर्गो को चार महीने से नहीं मिली पेंशन 
अधिकारियों की लापरवाही के चलते बुजुर्गों को पेंशन के लिए भटकना पड़ रहा है। हालात ऐसे हैं कि जिन बुजुर्गों ने अप्रैल माह में अभियान के दौरान पेंशन के लिए आवेदन किया था, उन्हें आज तक पेंशन राशि नहीं मिली है। अभियान के दौरान जो आवेदन आए थे, उनमें से करीब 5000 फार्मों पर पटवारियों ने यह रिपोर्ट कर दी कि इन व्यक्तियों के नाम से कई बीघा जमीनें हैं। इस कारण इन्हें अपात्र घोषित करके इन्हें रिकॉर्ड में भी नहीं लिया। पिछले दिनों जिला परिषद तथा पंचायत समितियों की बैठकों में सरपंच तथा पंचायत समिति सदस्यों द्वारा इस समस्या को उठाने के बाद जिला परिषद सीईओ ने सभी बीडीओ को तत्काल इन पेंशन फार्मों का निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही पेंशन से वंचित बुजुर्गों का सर्वे करवाकर इनके पेंशन बंधवाने को लेकर सभी बीडीओ को पेंशन नियमों की स्पष्ट मार्गदर्शिका भी भेजी गई है। इसके आधार पर तत्काल पेंशन प्रकरणों का निस्तारण करने के लिए सभी बीडीओ को पाबंद किया गया है, जिससे सरकार की मंशा के अनुसार सभी बुजुर्गों को पेंशन योजना का लाभ मिल सके। जिला परिषद सीईओ ने बताया कि 48 हजार से कम नियमित आय वाले व्यक्तियों के पेंशन बनवाए जा सकते हैं। किसी बुजुर्ग का यदि पेंशन नहीं बन रहा है तो वे सीधे मुझसे संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बीडीओ तथा पटवारियों की लापरवाही को देखते हुए अब स्थानीय स्तर पर पेंशन योजना को लोक सेवा गारंटी अधिनियम में शामिल किया गया है। इसके तहत पेंशन के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी को संबंधित विभाग के अधिकारी पावती रसीद देंगे। 30 दिवस के भीतर यदि संबंधित व्यक्ति के नाम पेंशन जारी नहीं होता है तो दोषी अधिकारी-कर्मचारी पर 5000 रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा। योजना के तहत 55 वर्ष की महिला तथा 58 वर्ष की आयु वाले बुजुर्ग को 500-500 तथा 75 वर्ष की आयु वाले को 750 रुपए हर महीने पेंशन दिए जाने का नियम है, जिससे बुजुर्ग आर्थिक रुप से सुदृढ़ हो सकें। 

हर शुक्रवार को होगी बैठक 
पेंशन योजना की प्रॉपर मॉनिटरिंग के लिए जिला परिषद सीईओ ने अब सभी बीडीओ को हर शुक्रवार को पंचायत स्तर पर बैठक करने के लिए कहा है। बैठक में पेंशन के पेडिंग फार्म का निस्तारण करके इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इस मॉनिटरिंग कमेटी में एसडीएम अध्यक्ष, बीडीओ, पंचायत समिति प्रधान अथवा सरपंच सदस्य होते हैं। पेडिंग फार्म की कमियों को दूर करवाकर पात्र लोगों को पेंशन जारी करवाने के लिए यह कमेटी कार्य करेगी। 

पीलीबंगा में 660 पेडिंग 
जिले में सबसे अधिक नोहर क्षेत्र में 1300 पेंशन फार्म पेडिंग पड़ेे हैं, जिसका बुजुर्गों को पिछले चार महीने से इंतजार है। पिछले पखवाड़े जिला परिषद की ओर से करवाए गए सर्वे के तहत नोहर में 1300, रावतसर में 930, भादरा में 1140, हनुमानगढ़ में 538, पीलीबंगा में 660, संगरिया में 550 तथा टिब्बी में 480 फार्म पेडिंग हैं। इसे देखते हुए जिला परिषद सीईओ ने अब ऐसे प्रकरणों का निस्तारण करने के लिए बीडीओ की ड्यूटी लगाई है। सर्वे के अनुसार जिले में 5598 पेंशन फार्म लंबित हैं। 

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