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"जाको रखे साईं मार सके न कोई "

 स्कूल बैग बस में रखकर विक्रम कॉपी लाने घर गया था कि बस निकल गई। इस पर परिजनों ने विक्रम को खूब डांटा। बाद में जब पता चला कि इसी बस का एक्सीडेंट हो गया है तो परिजनों की रुलाई फूट पड़ी। उन्होंने विक्रम को गले से लगा लिया। हुआ यूं कि सूरांवाली गांव का विक्रम रोज की तरह स्कूल जाने के लिए तैयार हुआ था। स्कूल बैग लेकर वह बस में चढ़ा ही था कि उसे याद आया कि वह कॉपी घर ही भूल आया है। आनन-फानन में वह ड्राइवर को बोलकर घर से कॉपी लाने गया। दौड़ता हुआ विक्रम बस रुकने के स्थान पर आया तो बस वहां नहीं थी। उसके लौटने से पहले ही जल्दबाजी में ड्राइवर बस लेकर निकल गया। निराश होकर विक्रम वापस घर चला गया। घरवाले उसे डांटने लगे। इस बीच दर्दनाक हादसे की खबर आई तो परिजन भगवान का शुक्रिया अदा करने लगे। 
इस हादसे में 45एलएलडब्ल्यू के हिमांशु व अरमान को खरोंच तक नहीं आई। जानकारी के अनुसार, दोनों शीशे से बाहर निकल गए और उन्हें चोट तक नहीं लगी। 
बहन स्कूल गई थी, भाई घर पर ही रहा
ढाणी रूड़सिंहवाली का गुरशरण मंगलवार को स्कूल नहीं गया। गुरशरण की बहन भी इसी स्कूल में पढ़ती थी, जो हादसे में घायल हो गई। गुरशरण के पिता उत्तमसिंह ने बताया कि गुरशरण ने न जाने क्यूं सुबह ही स्कूल जाने मना कर दिया। घरवालों ने भी जिद नहीं की और गुरशरण बच गया। 

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