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काश, उसे जबरदस्ती स्कूल नहीं भेजता

5एलएलडब्ल्यू का नकुल सुबह से ही स्कूल नहीं जाने की जिद कर रहा था। नकुल सोमवार को भी स्कूल नहीं गया था और मंगलवार को भी बाजू में दर्द होने की बात कहते हुए स्कूल जाने से मना कर रहा था। पापा ने जोर दिया तो नकुल अपने दादा की गोद में जाकर बैठ गया और रोने लगा। पापा ने जिद करके उसे स्कूल भेज दिया। हादसे में नकुल की मौत हो गई। घटना के बाद उसके दादा सहित पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल था। उसके पापा रो-रोकर यही कह रहे थे कि काश, उसे जबरदस्ती स्कूल नहीं भेजता। 
स्कूल से लौटकर अपने गांव जाना था लेकिन आयुष लौटा ही नहीं 
पक्का भादवां का आयुष सोमवार को ही अपनी मां के साथ अपने ननिहाल 45एलएलडब्ल्यू आया था। मां तो शाम को पक्का भादवां चली गई लेकिन आयुष को उसके मामा ने यह कहते हुए अपने पास रोक लिया कि सुबह यहीं से स्कूल चले जाना। आठवीं का आयुष अपने गांव पक्का भादवां से अपडाउन कर गोलूवाला के स्कूल में पढ़ाई करता था। जानकारी के अनुसार, आयुष को उसके मामा ने एक दिन अपने पास रख लिया कि इस गांव से भी बस उस स्कूल के बच्चे लेकर जाती है, उसमें सुबह चले जाना। आयुष को पहले स्कूल जाना था और छुट्टी के बाद सीधा पक्का भादवां अपने घर लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वह अपने घर नहीं पहुंचा। आयुष की एक्सीडेंट में मौत हो गई।
गांव 45 एलएलडब्ल्यू में छाया मातम 
हादसे में बच्चे श्रीगंगानगर जिले के 9 बच्चों की मौत हो गई। इनमें से सात पदमपुर तहसील के एक ही गांव 45 एलएल डब्ल्यू के हैं। एक चक 2केएचएन और एक महियांवाली का है। स्कूल में दोनों जिलों के बच्चे बस से पढऩे जाते हैं। 
हादसे में गांव 45 एलएलडब्ल्यू गांव के सात बच्चे मौत का शिकार हो गए। एक साथ सभी बच्चों के शव जब गांव पहुंचे तो कोहराम मच गया। लोगों की रुलाई रोके नहीं रुक रही थी। गांव के कृष्णलाल के सरिता और साहिल दो बच्चे थे, दोनों ही हादसे के शिकार हो गए। कृष्णलाल के छोटे भाई भीमसेन के पुत्र अंकित की भी मौत हो गई । यही नहीं इसी गांव के सुखजीत सिहं के परिवार में गगनदीप एवं रेना दोनों बच्चों की मौत हो गई। 
गोलूवाला अस्पताल में मची अफरा-तफरी 
हादसे के बाद गोलूवाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जब घायल बच्चों को लाया गया तो वहां अफरा-तफरी मच गई मंडी के लोगों ने केंद्र पर पहुंचकर बच्चों की जान बचाने के भरसक प्रयास किए। हर कोई प्राइवेट वाहन लेकर मदद के लिए पहुंचा। पाइवेट डॉक्टर भी जी जान से जुट गए। 
दो दिन पहले ही की थी ड्राइवर की शिकायत 
सूत्रों की मानें तो दो दिन पहले ही बच्चों ने प्रिंसिपल को बस ड्राइवर की शिकायत की थी। बच्चों ने शिकायत में कहा था कि ड्राइवर बस को तेज चलाता है। इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और यही लापरवाही हादसे का कारण बनी। 
इनकी टूट गई जिंदगी की डोर 
सड़क हादसे में चक 45 एलएलडब्ल्यू की सरिता (11) पुत्री कृष्णलाल जाट, साहिल (13) पुत्र 
कृष्णलाल जाट, अंकित (12) पुत्र भीमसैन जाट ,गगनदीप (10) पुत्र सुखजीतसिंह अरोड़ा, राजेश (10) पुत्र नत्थूराम जाट, नकूल (16) पुत्र नेतराम जाट, रेना (14) पुत्री सुरजीत अरोड़ा, आयुष (10) पुत्र भवंरलाल जाट (पक्का भादवां), लोकेश (9) पुत्र सुभाष जाट (सूरांवाली), मंजू (14)पुत्री मदनलाल कुम्हार निवासी 2 केएचएन, कविता (15) पुत्री कालूराम महियावांली की मौत हो गई। 

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