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घोषणा पर अमल नहीं किया तो आंदोलन तय

राज्य सरकार द्वारा बजट सत्र में कस्बे को उपतहसील का दर्जा देने की घोषणा को तीन माह बाद भी पंख नहीं लग पाए है  आलम यह है कि ग्रामीण अभी भी प्रशासनिक अनदेखी के चलते उपतहसील की बाट जोह रहे हैं। लोगों को अब तक अपने कार्यों के लिए पीलीबंगा जाना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि क्षेत्रवासियों की पिछले एक दशक से मंडी को उपतहसील का दर्जा देने की मांग चल रही थी। विकास संघर्ष समिति के बैनर तले धरना प्रदर्शन, मंडी बंद सहित अन्य आंदोलन हुए । इसी सत्र में सरकार ने उपतहसीलों की घोषणा करते हुए गोलूवाला में भी नई उपतहसील की घोषणा की थी लेकिन अभी भी यह घोषणा कागजी साबित हो रही है। वहीं जनप्रतिनिधियों ने विरोध-प्रदर्शन की चेतावनी दी है। 
उपतहसील को जल्द शुरू करने की मांग मुखर होने लगी है। विकास संघर्ष समिति के अध्यक्ष संदीप सिहाग का कहना है कि राज्य सरकार ने घोषणा करके उपतहसील के चलाए जा रहे आंदोलन को तो रोक दिया है लेकिन यदि इस घोषणा पर जल्द अमल नहीं किया गया तो फिर से आंदोलन किया जाएगा। व्यापार मंडल के अध्यक्ष प्रेमचंद गर्ग, सिहागान सरपंच ज्याणी देवी, निवादान सरपंच पूर्णराम डेलू ने जल्द उपतहसील शुरू करने की मांग की है ताकि लोगों को कार्य के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़े । 

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