Header Ads

test

गोदाम जर्जर होने से खुले में पड़ा गेहूं

जाखड़ांवाली | पंचायत की धानमंडी बदहाल स्थिति में है। 20 साल बाद भी मंडी में सुविधाएं अव्यवस्थित है। मंडी में खेळी, एक हजार मीट्रिक टन की क्षमता का गोदाम, पेयजल डिग्गी, सड़क, मुख्य गेट व प्याऊ सहित कई अन्य समस्याओं से किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही है। गोदाम सालों पहले बना होने से जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है। बरसात में अनाज सड़ता रहता हैं। सार-संभाल नहीं होने से किसानों को मजबूरन अनाज बाहर खुले में रखना पड़ता है वह भी कई महीनों। कृष्णलाल, सुंदर सिंह, राजेंद्र आदि किसानों का कहना है कि गेहूं रखने के लिए बनाए गए गोदाम में एक बार भी अनाज नहीं रखा गया जबकि मंडी समिति ने इस पर लाखों रुपए खर्च किए थे। कभी-कभार कुछ किसानों ने अपना गेहूं जरूर तिरपाल से ढककर रख दिया। किसानों का कहना है कि अगर पीलीबंगा कृषि उपज मंडी के अधिकारी यहां ध्यान देते तो 20 हजार थैले गेहूं का भंडारण कर परिवहन खर्च बचाया जा सकता था। मगर अब यह गेहूं नजदीक सूरतगढ़ या हनुमानगढ़ के गोदामों में ले जाया जा रहा है। किसान भानीराम बगडिय़ा ने बताया कि मंडी में 23 बीघा भूमि में 12 बीघा भूमि खाली पड़ी है। किसानों की मांग है की इस मंडी पर आय के हिसाब से पैसा खर्च करके पिंड, सड़क की रिपेयरिंग, पिंड व दुकानें बनाकर हर समय जिंसों की बोली होनी चाहिए। ताकि किसानों को दूर नहीं जाना पड़े। 

मंडी समिति से किराए पर लेने को तैयार 

किसानों को गेहूं, चना, ग्वार, जौ भंडारण के लिए हम यह गोदाम मंडी समिति से किराए पर लेने को तैयार है। पूर्व में भी हमने किराए या लीज पर देने की मांग की थी। भानीराम बगडिय़ा, किसान 
पीलीबंगा मंडी समिति के अधिकारी एफसीआई से भंडारण के आदेश करें। ताकि परिवहन खर्च नहीं हो। ताराचंद शर्मा, 
मंडी की रिपेयरिंग के लिए अधिकारियों को पत्र लिखा हुआ है। अगर कोई गोदाम किराए पर लेने को तैयार है तो पहले हम ऊपर के अधिकारी से बात करेंगे। देवीलाल कालवा, सचिव कृषि उपज मंडी समिति पीलीबंगा 

No comments