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नसबंदी के तीसरे दिन महिला की मौत

पीलीबंगा| नसंबदी के तीसरे दिन एक महिला की मौत के मामले को लेकर गुस्साए परिजनों ने बुधवार को टाउन के सिविल अस्पताल में जमकर हंगामा किया। परिजनों का आरोप है कि नसबंदी के दौरान लापरवाही बरतने से महिला की मौत हुई। नसबंदी में कथित लापरवाही बरतने के आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर परिजन अस्पताल परिसर में धरने पर बैठ गए। करीब दो घंटे बाद एडीएम बीएल मेहरड़ा के आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ।
जानकारी के अनुसार पंडितावाली  के दयालचंद शर्मा की 26 वर्षीय पत्नी सुलोचना ने 21 जनवरी को पंडितावाली में लगे शिविर में नसबंदी करवाई। 22 जनवरी को उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। उसे तत्काल टाउन के सिविल अस्पताल में रेफर किया गया। खून की कमी होने पर डॉक्टरों ने सुलोचना को दो यूनिट ब्लड चढ़ाकर बुधवार सुबह बीकानेर रेफर कर दिया। बीकानेर ले जाते समय पल्लू के पास सुलोचना की मौत हो गई। इससे गुस्साए परिजन महिला का शव लेकर टाउन के सिविल अस्पताल आ गए और नारेबाजी करने लगे। उनका आरोप था कि डॉक्टर ने नसबंदी के दौरान आवश्यक सावधानियां नहीं बरती। इससे सुलोचना की मौत हो गई। मृतका के तीन बच्चे हैं। सबसे छोटे बच्चे की उम्र डेढ़ माह है। मामले की सूचना मिलने पर एडीएम बीएल मेहरड़ा, सीएमएचओ डॉ. एसपी सिंह, डीएसपी चंदे्रश गुप्ता व टाउन थाना के सीआई संजय बोथरा मय जाब्ता के अस्पताल पहुंचे।
करीब एक घंटे चली वार्ता के बाद एडीएम ने मामले की जांच खुद करने व मृतका के परिजनों को दो लाख रुपए की आर्थिक सहायता मुहैया कराने का आश्वासन दिया। इससे परिजनों का गुस्सा कुछ कम हुआ और वे शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिए राजी हुए। एडीएम ने डॉक्टर की गलती साबित होने के बाद उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की बात कही। वार्ता में बार संघ के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र सारस्वत, उप सभापति कालूराम शर्मा, ओमप्रकाश मोट, डॉ. कालू भाटी, डीवाईएफआई के प्रदेशाध्यक्ष रघुवीर वर्मा, कृष्ण जाखड़, पार्षद राजपाल नागपाल, बहादुर सिंह चौहान आदि मौजूद थे। 

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