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ग्रामसेवकों ने राशन कार्ड फार्मों का सत्यापन करने से किया इंकार

पटवारी और ग्राम सेवकों की लड़ाई में कंप्यूटराइज्ड राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया एक बार फिर अटक गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में नए राशन कार्ड बनाने के लिए भरे गए फार्मों का सत्यापन करके इन्हें अनुबंधित फर्म के पास भिजवाया जाना था, लेकिन तीन माह बाद भी इनका सत्यापन नहीं हो पाया है। एक सप्ताह पहले ही कलेक्टर ने ग्राम सेवकों को फार्मों का सत्यापन करने के लिए पाबंद किया था। फिलहाल सभी फार्म ग्राम पंचायतों मुख्यालयों पर ही पड़े हैं। राज्य सरकार ने कंप्यूटराइज्ड राशन कार्ड बनाने के लिए गुजरात इनफोटेक लि. से अनुबंध किया है। अनुबंधित फर्म हनुमानगढ़ में अपना कार्यालय भी खोल चुकी है लेकिन अभी तक फर्म के पास सिर्फ नगरपरिषद व नगरपालिका क्षेत्र के ही फार्म पहुंचे हैं। 

ग्रामसेवकों ने राशन कार्ड के फार्मों का सत्यापन करने से इंकार कर दिया है। इससे नए राशनकार्ड बनाने की प्रक्रिया पर फिर सवालिया निशान लग गया है। राजस्थान ग्राम सेवक संघ की गुरुवार को हुई बैठक में तय किया गया कि ग्रामसेवक राशन कार्ड के फार्मों का सत्यापन नहीं करेंगे। अगर प्रशासन ने उन पर दबाव डाला तो प्रशासन गांव के संग अभियान का बहिष्कार कर आंदोलन किया जाएगा। बैठक में वक्ताओं का कहना था कि राशन कार्ड बनाने का काम रसद विभाग का है। इसके लिए तहसीलदार को राज्य सरकार ने नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। प्रशासन अब राशन कार्ड के फार्मों के सत्यापन के लिए उन पर अनावश्यक दबाव बना रहा है, जबकि इन फार्मों का सत्यापन प्रगणक, पंच, सरपंच पहले ही कर चुके हैं। 

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