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पीलीबंगा छोड़ सभी तहसीलों में बनेंगे किसान सेवा केंद्र

किसानों को कृषि संबंधी जानकारी ब्लॉक स्तर पर ही दी जाएगी। जिले की छह तहसीलों में किसान सेवा केंद्र सह विलेज नॉलेज सेंटर बनाने को लेकर कवायद तेज कर दी गई है। सरकार ने केंद्र के निर्माण को लेकर हनुमानगढ़ जिले को 60 लाख रुपए का बजट जारी किया है। पीलीबंगा को छोड़ हर तहसील मुख्यालय को 10-10 लाख रुपए का बजट मिलेगा। जिला परिषद सीईओ ने निर्धारित अवधि में केंद्रों का निर्माण करवाने के लिए पंचायत समिति के विकास अधिकारियों को पाबंद किया है। तहसील मुख्यालयों पर जमीन के पट्टे मिलने के बाद अब भवन निर्माण कार्य शीघ्र शुरू होगा। इसके लिए जिला परिषद ने टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है। योजना के अनुसार सब कुछ हुआ तो मार्च से पहले भवन बनकर तैयार हो जाएंगे। भवन निर्माण के बाद इंटरनेट कनेक्टिविटी, एलसीडी, प्रोजेक्टर, कंप्यूटर सहित मौसम सूचक यंत्रों लगाए जाने की योजना है। किसानों के तहसील मुख्यालयों पर ही कृषि संबंधी जानकारी हाइटेक तरीके से देने को लेकर कृषि विभाग किसान सेवा केंद्रों की स्थापना कर रहा है। जिससे किसानों को कृषि योजनाओं की जानकारी लेने तथा इनका लाभ लेने के लिए जिला मुख्यालय पर नहीं आना पड़े। वर्तमान में जिला मुख्यालय पर किसान सभागार होने से सभी तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम जिला स्तर पर आयोजित होते हैं। इससे किसानों को योजनाओं की जानकारी समय पर नहीं मिलती।
किसानों को तहसील मुख्यालय पर सभी तरह की सुविधा देने के लिए सरकार ने हर तहसील मुख्यालय पर किसान सेवा केंद्र बनाने के निर्देश दिए थे। जिले में हनुमानगढ़, नोहर, भादरा, रावतसर, संगरिया व टिब्बी में केंद्र बनाने को लेकर जमीन मिल गई है। लेकिन पीलीबंगा में जमीन का विवाद कोर्ट में लंबित होने के कारण यहां केंद्र निर्माण की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। 
योजना के अनुसार किसान सेवा केंद्रों पर प्लांट हेल्थ क्लिनिक संचालित होना है। क्लिनिक में कृषि वैज्ञानिकों की ओर से फसलों की बीमारी को दूर करने के लिए दवा के साथ उपचार किया जाएगा। कमजोर जड़ वाले पौधों को कितना पोषक तत्व तथा रसायन दिया जाए। इसकी सूचना भी किसानों को क्लिनिक पर दी जाएगी। मौसम यंत्र सहित फसलों की जांच संबंधी अन्य उपकरण सेवा केंद्रों पर लगाए जाएंगे, जिससे किसानों को हर दिन के मौसम की रिपोर्ट मिल सके और समय रहते फसलों को बचाया जा सके। 

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